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सीएम देवेंद्र फडणवीस की पहल, वंतारा भी सुप्रीम कोर्ट में देगा साथ, हथिनी माधुरी लौटेगी नंदनी मठ

कोल्हापुर में हथिनी माधुरी को लेकर जारी विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, लेकिन इस बीच एक अहम पहल हुई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टीम वंतारा से मुलाकात की, जहां उन्होंने साफ कर दिया कि वे महाराष्ट्र सरकार की समीक्षा याचिका में शामिल होकर माधुरी को वापस नंदनी मठ भेजने के पक्ष में हैं.

टीम वंतारा ने कहा कि वे माधुरी की कस्टडी नंदनी मठ को लौटाने के लिए तैयार हैं और कोल्हापुर के नंदनी इलाके में ही, राज्य के वन विभाग द्वारा तय जगह पर, उसके लिए एक रीहैबिलिटेशन सेंटर भी बनाएंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि माधुरी का ट्रांसफर उनका खुद का फैसला नहीं था, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किया गया था.

सीएम फडणवीस ने कहा कि माधुरी पिछले 34 साल से नंदनी मठ की परंपरा और लोगों की जिंदगी का हिस्सा रही है. लोगों के दिल में उससे जुड़ा भावनात्मक और धार्मिक लगाव है, जिसे सरकार पूरी तरह समझती है. इसी वजह से सरकार सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगी और मठ से भी कहा गया है कि वे अपनी याचिका में सरकार को पक्षकार बनाएं.

माधुरी की केयर के लिए बनेगी टीम

सीएम फडणवीस ने यह भी ऐलान किया है कि इस मामले में लोगों पर दर्ज केस वापस लिए जाएंगे. माधुरी की देखभाल के लिए वेटनरी डॉक्टरों की टीम बनेगी और जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू सेंटर जैसी सुविधा भी दी जाएगी. कोर्ट से यह भी अनुरोध किया जाएगा कि एक स्वतंत्र कमेटी बनाकर इंतजाम की समीक्षा करे.

वंतारा ने अपने बयान में कहा कि वे लोगों की भावनाओं और परंपराओं का पूरा सम्मान करते हैं और अदालत की मंजूरी के बाद माधुरी की सुरक्षित वापसी के लिए पूरी तकनीकी और मेडिकल मदद देंगे. साथ ही, नंदनी में ही सैटेलाइट रीहैब सेंटर बनाने में सरकार और मठ के साथ मिलकर काम करेंगे.

‘माधुरी के पैरों में थी गंभीर चोटें’

वंतारा के मुताबिक जब माधुरी उनके पास आई, तो उसके पैरों में पुरानी गंभीर चोटें, नाखून की ज्यादा बढ़े हुए थे, फोड़े, सूजन, फ्रैक्चर और आर्थराइटिस जैसी समस्याएं पाई गईं. यही वजह थी कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 जुलाई 2025 को और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को उसके जामनगर स्थित सेंटर में शिफ्ट करने का आदेश दिया था.

लंबे समय तक कंक्रीट के फर्श पर रखा- PETA

PETA के मुताबिक, माधुरी को लंबे समय तक कंक्रीट के फर्श पर रखा गया, जंजीरों में बांधा गया और कई बार भीड़भाड़ वाले आयोजनों में घुमाया गया. संगठन का आरोप है कि 2017 में उसने मठ के मुख्य पुजारी की जान भी ले ली थी.

अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका पर क्या फैसला आता है, लेकिन इतना तय है कि इस बार महाराष्ट्र सरकार, नंदनी मठ और टीम वंतारा तीनों एक ही तरफ खड़े हैं, माधुरी की वापसी के लिए.

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