उत्तर प्रदेश में 16 नवनिर्मित गो संरक्षण केंद्रों की शुरुआत
बोले धर्मपाल सिंह- निर्माण में गुणवत्ता से न हो कोई समझौता

लखनऊ: पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने मंगलवार को पशुपालन निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश के 12 जिलों के 16 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का वर्चुवल लोकार्पण किया। इसके तहत ललितपुर में 03, श्रावस्ती में 02 और झांसी, भदोही, प्रतापगढ़, बलरामपुर, सोनभद्र, रायबरेली, बांदा, लखीमपुरखीरी, फतेहपुर एवं कानपुर देहात में 01-01 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
इन 16 गो संरक्षण केन्द्रों की कुल निर्माण लागत रुपए 2561.92 लाख है। प्रत्येक केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है। धर्मपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं गोवंश के भरण-पोषण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
धर्मपाल सिंह ने इस दौरान सम्बंधित जिलों के क्षेत्रीय विधायकों, ग्रामप्रधानों, जिलाधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा केयरटेकरों से भी गोवंश के रखरखाव और सहयोग पर बात की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गौसंरक्षण केंद्रों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाए। गोशालाओं में गाय भूखी न रहे, चारा, भूसा, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने अपील की कि किसान एवं पशुपालक गाय के दूध देने के बाद उसे निराश्रित न छोड़े।
प्रतिदिन लगभग 7 करोड़ रु. का व्यय
वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 6615 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 387 वृहद गो संरक्षण केन्द्र, 302 कांजी हाऊस एवं शहरी क्षेत्र में 304 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7608 गो आश्रय स्थलों में 1236656 निराश्रित गोवंश संरक्षित है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 1,14,141 इच्छुक लाभार्थियों को 1,76,921 निराश्रित गोवंश सुपुर्द किये गये हैं। इनके भरण-पोषण पर राज्य सरकार प्रतिदिन लगभग धनराशि 7 करोड़ रु. व्यय कर रही है।