उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ: क्रिप्टो करेंसी से कर रहे थे मनी लॉन्ड्रिंग, आठ गिरफ्तार

अहिमाममऊ के बीफार्मा छात्रा की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की ने जुटाए थे इनपुट

लखनऊ,। राजधानी में साइबर जालसाजों का नेटवर्क काफी गहरे तक पैठ बना चुका है। शनिवार को साइबर क्राइम थाने, साइबर क्राइम सेल और गोसाईंगंज पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में आठ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। टीमों ने दो स्थानों पर छापेमारी की।

पुलिस के मुताबिक गिरोह क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर रहा था। साथ ही ट्रेडिंग व अन्य तरीकों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका था। जालसाज ठगी की रकम से अपना कमीशन काटकर बची हुई रकम का यूएसडीटी व अन्य क्रिप्टो करेंसी खरीदकर चीन के साइबर माफिया के खाते में ट्रांसफर कर देते थे। सरगना ने चीन, कंबोडिया व वियतनाम में ठिकाना बना रखा है।

साइबर क्राइम थाना के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव के मुताबिक अहिमामऊ निवासी बीफार्मा छात्र ने दो दिन पहले शिकायत की थी। आरोप था कि कुछ युवकों ने उसे नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूल चुके हैं। इसी तरह की रायबरेली के एक अन्य युवक ने शिकायत की।

जानकारी होने पर साइबर क्राइम थाने की टीम को सक्रिय किया गया। दो दिनों तक गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई गई। इसके बाद शुक्रवार देर रात को दो स्थानों पर छापा मारा गया। पहला छापा सुल्तानपुर रोड स्थित गब्बर ढाबा पर मारा गया। जहां तीन जालसाज कार में बैठे लैपटॉप के जरिये ठगी करते हुए मिले। उनसे पूछताछ के बाद सुशांत गोल्फ सिटी स्थित एक होटल में छापा मारा गया। जहां से पांच अन्य युवकों को दबोचा गया।

इनकी हुई गिरफ्तारी, ये सामान बरादम

इंस्पेक्टर गोसाईंगंज बृजेश तिवारी के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों में मोहनलालगंज का सत्यम तिवारी, बस्ती का दिवाकर विक्रम सिंह, रायबरेली का सक्षम तिवारी, गोंडा का विनोद कुमार, जानकीपुरम का कृश शुक्ला, बाराबंकी का मो. साद, गोंडा का लईक और कैंट का मनीष जायसवाल शामिल हैं। आरोपियों के पास से पुलिस ने 16 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप,1 टैब, 3 चैक बुक, 1 पास बुक, 4 -चार पहिया वाहन और एक लाख 85 हजार रुपये बरामद किए हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग का निकाला नया तरीका

पूछताछ में आरोपियों ने कुबूल किया कि ट्रेडिंग व अन्य तरीके से ठगी करते हैं। ऐसे ठगी के रकम को किराए के खातों में मंगाते हैं। अपना कमीशन काटकर बचे हुए रकम को यूएसडीटी व अन्य क्रिप्टो करेंसी खरीद लेते थे। अवैध क्रिप्टों करेंसी वह चीन में साइबर माफिया को ट्रांसफर कर देते थे। माफिया ने चीन,कंबोडिया और वियतनाम में अपने ठिकाने बना रखे हैं। आरोपितों ने बताया कि वह क्रिप्टो करेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग भी कर रहे हैं। काफी बड़ी मात्रा में गैंग के सदस्यों ने काले धन को सफेद किया है।

खाताधारक को रखते हैं साथ

पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह के सदस्य ठगी की रकम मंगाने के लिए लोगों से किराए पर या कमीशन पर बैंक खाते लेते थे। जिन लोगों के बैंक खातों में साइबर ठगी की बड़ी रकम आनी होती हैं, गिरोह के सदस्य उन्हें अपने साथ गाड़ी में लेकर चलते हैं। उन्हीं लोगों से बैंक अकांउट से रुपये निकलवाते थे। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए साइबर जालसाजों ने दो महीने में करीब 80 लाख रुपये की ठगी क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर किया है।

टेलीग्राम पर सक्रिय है गिरोह

पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना बहुत ही शातिर है। वह कभी भी गिरोह के सदस्यों के सामने नहीं आता है। गिरोह का सरगना पूरा ऑपरेशन टेलीग्राम चैनलों के जरिए करता है। यह टेलीग्राम चैनल मुख्य रूप से चीनी साइबर जालसाजों व उनके प्रतिनिधियों की ओर से चलाए जाते हैं।

पुलिस के मुताबिक गिरोह के हैंडलर टीआरसी-20 नेटवर्क के जरिए यूएसडीटी ट्रेडस का लेनदेन करते हैं। जिससे कि वह किसी कानूनी कार्रवाई के दायरे में न आएं। यही नहीं पुलिस से बचने के लिए गिरोह यूजर नेम बार-बार बदलता रहता है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि पीसर टू पीसर (पी2पी) प्रक्रिया का लेनदेन में किया जाता है।

गिरोह के सदस्यों ने यह भी बताया कि उन्हें साइबर फ्रॉड करने की पूरी ट्रेनिंग टेलीग्राम चेनल पर ही दी जाती है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए साइबर जालसाज विकेन्द्रित वॉलेट्स का उपयोग करते हैं। क्योंकि इन वॉलेट्स को केवाईसी की आवश्यकता नहीं होती है। इस लिए इन वॉलेट्स और इनमें हो रहे मनी एक्सचेंज को ट्रेस करना काफी कठिन होता है। पुलिस इस मामले में गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पता कर रही है।

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