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लखनऊ के वकीलों ने खत्म किया हड़ताल, गुरुवार से काम पर लौटेंगे, जानें क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वकीलों ने हाल ही में कुछ अधिवक्ताओं के साथ हुई झड़प में शामिल पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद अपनी तीन दिवसीय हड़ताल खत्म कर बृहस्पतिवार से काम पर लौटने का फैसला किया। अधिवक्ताओं के 12 संगठनों ने बुधवार को इस फैसले का ऐलान किया। विभूति खंड थाने में 14 मार्च को होली के दिन पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के बाद मामला बहुत बढ़ गया था। वकीलों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और कुछ के साथ मारपीट भी की। घटना के बाद वकीलों ने 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई लेकिन जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने 150 वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

बार एसोसिएसन ने खत्म किया हड़ताल

इस कदम से नाराज अवध बार एसोसिएशन ने 18 मार्च से हड़ताल का आह्वान किया था और इस दौरान वकीलों ने अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और वकीलों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की। ‘लखनऊ बार एसोसिएशन’ के अध्यक्ष रमेश तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वकीलों ने बुधवार को काम का बहिष्कार करने और पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। तिवारी ने कहा, “हालांकि, आज (बुधवार) सुबह हमें बताया गया कि पांच पुलिसकर्मियों को थाने से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया गया और जांच विभूति खंड थाने से गोमती नगर विस्तार थाने में स्थानांतरित कर दी गई है। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर हमने विरोध प्रदर्शन वापस लेने का फैसला किया।”

काम पर लौटेंगे वकील

उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद बार एसोसिएशन बृहस्पतिवार से काम फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए। हड़ताल खत्म करने के बावजूद अधिवक्ता बिरादरी अपनी मांगों पर कायम है। ‘सेंट्रल बार एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अरविंद सिंह कुशवाहा ने कहा, “घटना पर चर्चा करने और आगे की कार्रवाई पर फैसला करने के लिए 25 मार्च को सभी जिला बार एसोसिएशन की बैठक निर्धारित की गई है।” कुशवाहा ने जोर देकर कहा कि केवल कुछ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “एसोसिएशन मामले की जांच के लिए एक पूर्ण समिति की मांग करती है। इस मामले में आगे क्या कार्रवाई हुई इस बारे में अधिकारी हमें बताएं।” कुशवाहा ने कहा, “25 मार्च की बैठक में लखनऊ बार एसोसिएशन, सेंट्रल बार एसोसिएशन और अवध बार एसोसिएशन जैसे प्रमुख अधिवक्ता संगठन शामिल होंगे, ताकि अगली कार्रवाई का फैसला किया जा सके।”

(इनपुट-भाषा)

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