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कासगंज: 17 वर्ष बाद कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, बलवा सहित गंभीर धाराओं में नामजद 12 को किया बारी

गंजडुंडवारा वर्ष 2008 में कस्बा स्थित गामा देवी मंदिर की दीवार गिरने की सूचना पर हिंदूवादी भड़क गए थे। जमकर हंगामा हुआ था, जिसके बाद पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर 12 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय भेजा गया था। अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा निर्णय सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया है।

वर्ष 2008 में कस्बे के मोहल्ला घासी स्थित गामा देवी मंदिर की दीवार को दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा गिराए जाने पर हिंदूवादी आक्रोशित हो गए थे। दुकानें बंद हो गई थीं और जमकर हंगामा हुआ था। हिंदूवादी लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई थी। मामले में पुलिस द्वारा 400 अज्ञात लोगों पर बलवा, पथराव, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। जांच अधिकारी द्वारा पूर्व चेयरमैन राजीव गुप्ता सहित 12 लोगों पर भ्रामक अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया गया था।

जिसके बाद सभी आरोपी न्यायालय से जमानत पर थे और मामले में सुनवाई चल रही थी। आरोपियों की ओर से अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट में सीनियर अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा द्वारा तथ्यात्मक पक्ष रखा गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुतोष कुमार शर्मा द्वारा पत्रावली में पर्याप्त साक्ष्य न होने के चलते संदेह का लाभ देते हुए सभी 12 आरोपियों को दोषमुक्त किए जाने का आदेश सुनाया गया।

आदेश सुनते ही मौजूद आरोपी पूर्व चेयरमैन राजीव गुप्ता, आशीष गुप्ता, विवेक गुप्ता, सचिन गुप्ता, रमाकांत मिश्रा, राजकुमार गुप्ता, संजीव कुमार विजय, गोविंद गुप्ता, प्रमोद, रवि गुप्ता और रिंकू गुप्ता ने न्यायालय के विवेकपूर्ण निर्णय पर आभार जताया और एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी।

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