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हजारों कर्मचारी परेशान, महीनों से नहीं मिला वेतन, पेंशन के लिए भटक रहे बुजुर्ग

लखनऊ। जल निगम मुख्यालय पर बुधवार को उत्तर प्रदेश जल निगम एकीकृत संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जुटे कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की है। तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन पश्चिमी अंचल के जल निगम कर्मियों और पेंशनर्स के नेतृत्व में कर्मचारियों ने करीब पांच महीने से नहीं मिल रहे वेतन और पेंशन की मांग की। साथ ही 7वां वेतनमान, 6वें वेतनमान में स्वीकृत महंगाई भत्ता, मृतक आश्रित अनुकंपा नियुक्ति समेत अन्य मांगों को जल्द पूरा करने की मांग करते हुए जल निगम नगरीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की है।

धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मोर्चा के महासचिव इं. एके. सिंह ने बताया कि जल निगम में 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी 7वां वेतनमान नहीं मिल रहा है, 6वें वेतनमान में स्वीकृत 246 प्रतिशत महंगाई भत्ता के स्थान पर 212 प्रतिशत दिया जा रहा है, इसके अलावा मृतक आश्रित अनुकंपा नियुक्तियां भी नहीं हो रही हैं जिससे कार्मिकों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने बताया कि करीब पांच माह का समय बीत चुका है, हजारों कर्मचारी वेतन और पेंशन के बिना जीवन चला रहे हैं। इस अवसर पर इं. अनूप कुमार सक्सेना, पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मोर्चा के सलाहकार ने वर्ष 2021 में जल निगम के विभाजन को दुर्भाग्यशाली बताया है। उन्होंने कहा कि विभाजन का उद्देश्य पूरी तरह असफल रहा है। उन्होंने मांग की है कि जल निगम नगरीय और ग्रामीण को पूर्व की भांति एक कर दिया जाए।

मोर्चा के उपाध्यक्ष राम सनेही यादव ने फील्ड कर्मचारियों के साथ असंवैधानिक रूप से किए जा रहे अन्याय की चर्चा करते हुए इसके समाधान की मांग की। उपाध्यक्ष इं. भीमराज ने जल निगम पेंशनर्स की पेंशन पावर कारपोरेशन की भांति ट्रेजरी से दिए जाने की मांग की। मोर्चा के सलाहकार केके वर्मा ने कैशलेस चिकित्सा भत्ता जल निगम में लागू किए जाने की मांग की। मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष इं. सैयद अतहर कादिरी ने उत्तर प्रदेश शासन और जल निगम नगरीय प्रशासन से कर्मचारियों की मांगों पर जल्द निर्णय कर शीघ्र निराकरण की मांग की।

सभा में इं. राम सेवक शुक्ला, इं. डीएन यादव, ज्योति श्रीवास्तव, अजय कुमार गुप्ता, गौरी शंकर शुक्ला, इं. भोजराज सिंह, इं. लाखन सिंह चाहर, राम प्रकाश शाक्य, अजब सिंह, दिग्विजय सिंह, सुधीर कुमार शर्मा, राज कुमार यादव, रविशंकर राय, कैलाश यादव, वंश बहादुर यादव, हरेन्द्र सिंह, नजर मोहम्मद आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

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