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महाकुंभ समापन के बाद भी संगम स्नान का सिलसिला जारी, श्रद्धालु बोले-भीड़ से बचने के लिए अब आ रहे

महाकुंभ समापन होने के बावजूद प्रयागराज में श्रद्धालुओं का आगमन जारी है। महाराष्ट्र, गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने जानबूझकर महाकुंभ के बाद संगम आने की योजना बनाई, ताकि भीड़भाड़ से बच सकें। उनका मानना है कि संगम का जल महाकुंभ के बाद भी उतना ही पवित्र है, जितना सदियों से रहा है।

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले से आए 14 श्रद्धालुओं का एक दल शनिवार को संगम पहुंचा। इस दल के रिटायर्ड मिल कर्मचारी 71 वर्षीय सुरेश धांगे ने बताया कि वे प्रयागराज में कम से कम पांच दिन बिताने के बाद वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और मथुरा की यात्रा करेंगे और 12 मार्च को घर लौटेंगे। हालांकि, कुंभ मेले का ढांचा अब धीरे-धीरे हटाया जा रहा है फिर भी संगम तट पर आस्था की लहर बनी हुई है। स्थानीय पुजारियों का कहना है कि मेले के दौरान जो श्रद्धालु नहीं आ सके, वे अब संगम स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।

महाकुंभ में यूपी रोडवेज ने 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को पहुंचाया

प्रयागराज में हुए महाकुंभ मेले में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की 8750 बसों से 3 करोड़ 25 लाख श्रद्धालुओं को पहुंचाया गया। इसके अलावा प्रयागराज शहर में विभिन्न पार्किंग स्थलों से मेला स्थल तक सवा करोड़ श्रद्धालुओं को शटल बस से निशुल्क भेजा गया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यह दावा किया है। उन्होंने बताया कि महाकुम्भ में 66.33 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगा कर इतिहास रच दिया। प्रदेश के सभी मार्गों से बसों की व्यवस्था की गई थी।

मौनी अमावस्या में सबसे अधिक बसों का संचालन किया गया। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को पहुंचाने में शटल बस सेवा की अहम भूमिका रही। शटल बस से 17 दिन तक निशुल्क यात्रा उपलब्ध कराई गई। अस्थाई बस स्टेशन पर श्रद्धालुओं के लिए कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई थी। मुख्यमंत्री ने भी परिवहन निगम कर्मियों की सहभागिता को सराहा और उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने की घोषणा भी की।

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