उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

नियामक आयोग में दाखिल हुआ जनहित प्रस्ताव: स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन काटने-जोड़ने और मैसेज पर न लगे चार्ज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से स्मार्ट प्रीपेड मीटर कनेक्शन काटने के अलर्ट मैसेज पर प्रति मैसेज 10 रुपये और डिस्कनेक्शन रिकनेक्शन पर 50 रुपये चार्ज का प्रस्ताव देने के विरोध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रस्ताव दाखिल कर दिया.

इस आसंवैधानिक प्रस्ताव का विरोध किया साथ ही नियामक आयोग के सामने यह भी प्रस्ताव रखा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर खर्च होने वाले लगभग 29,619 करोड़ रुपये का कोई भी भार उपभोक्ताओं पर नहीं पडेगा. इस संबंध में केंद्र सरकार पहले ही आदेश आयोग को दे चुकी है. ऐसे में आयोग को पावर कॉरपोरेशन से यह भी पूछना चाहिए कि इस आत्मनिर्भर स्कीम पर जो केंद्र सरकार के दिए अनुदान के अतिरिक्त खर्च होगा उसकी व्यवस्था कैसे होगी?

उपभोक्ता परिषद ने उपभोक्ताओं के घरों पर अनिवार्य रूप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने की व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह उठाते हुए यह प्रस्ताव दाखिल किया कि जब विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) में उपभोक्ताओं के लिए विकल्प की व्यवस्था मौजूद है तो फिर अनिवार्य रूप से सभी के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना क्यों बनाई जा रही है? विद्युत नियामक आयोग एक अर्द्ध न्यायिक संवैधानिक संस्था है उसका यह नैतिक दायित्व है कि वह विद्युत अधिनियम में दी गई व्यवस्था का पालन कराए.

पावर कॉरपोरेशन भारत सरकार के जिस रूल के तहत अनिवार्य रूप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की बात कर रहा है वह गलत है, क्योंकि पहले ही उपभोक्ता परिषद इस पूरे मामले पर विद्युत नियामक आयोग में याचिका लगा चुका है. आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से जवाब तलब किया था और आज भी निर्णय विचाराधीन है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की टेंडर प्रक्रिया से लेकर जीटीपी अनुमोदन तक उच्च स्तरीय जांच कर ली जाए तो अनेकों अनियमितताएं सामने आएंगी.

सबसे बड़ा मामला यह है कि जिस तकनीक पर इस पूरी परियोजना को आगे बढाया जा रहा है. वह तकनीकी केवल एक दो साल की मेहमान है. ऐसे में विद्युत नियामक आयोग का यह नैतिक दायित्व है. वह पावर कॉरपोरेशन से इस बात की गारंटी ले कि 4G तकनीकी खत्म होने के बाद 5G तकनीकी पर प्रदेश में लगने वाले सभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे. विद्युत अधिनियम 2003 में दी गई व्यवस्था के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य नहीं किया जाएगा.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button