उत्तर प्रदेशगोण्डा

आजादी के 76 साल बाद विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगा गोण्डा का वनटांगिया समुदाय

गोण्डा के मनकापुर ब्लॉक के अशरफाबाद, कटहर बुटहनी और मनीपुर ग्रांट तथा तरबगंज के वन ग्राम महेशपुर व रामगढ़ में वनटांगिया समुदाय के लोग रहते हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बीती 12 जून 2023 को जिले की कमान संभालने के बाद 16 जून को तहसील तरबगंज विकासखंड नवाबगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदवा के वनटांगिया गांव रामगढ़ का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामवासियों एवं वहां की महिलाओं से वार्ता कर समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा रास्ता एवं स्कूल की समस्या के संबंध में अवगत कराया गया। इस पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के निर्देश जारी किए गए।

सड़क निर्माण का कार्य भी शुरू

खण्ड विकास अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह की देखरेख में तरबगंज तहसील के अन्तर्गत रामगढ़ वनटांगिया गांव को वन विभाग अप्रोच सड़क से जोड़ने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू कर दी गई। ग्रामवासियों ने बताया कि अभी तक यह कच्चा रास्ता था। बरसात के दिनों में गांव से बाहर निकलना मुश्किल होता था। लेकिन, यह मार्ग के निर्माण से समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर समुदाय तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। वनटांगिया समुदाय के विकास हेतु कवायद शुरू कर दी गई है। जल्द ही इसके नतीजे देखने को मिलेंगे।

दो स्कूलों के लिए प्रस्ताव भेजा

जिलाधिकारी के आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से वनटांगिया गांवों में दो परिषदीय स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। यह स्कूल मनकापुर के बुटहनी व तरबगंज के महेशपुर गांव में खोले जाने हैं। इन दोनों गांवों में नए स्कूल का निर्माण कराया जाएगा। स्कूल निर्माण की कार्ययोजना व लागत की आगणन रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। प्रत्येक स्कूल के निर्माण के लिए 35.90 लाख रुपए का बजट मांगा गया है।

सीएम योगी ने दिलाई पहचान

पूर्वांचल के वनटांगिया समुदाय का इतिहास पुराना है। इन्हें अंग्रेजों ने जंगलों में बसाया था। आजादी के 70 दशक बाद भी इनका वजूद राजस्व अभिलेखों में न होने की वजह से यह समाज और विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई 2018 में गोण्डा के वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर मुख्यधारा से जोड़ा। इससे वन क्षेत्रों में बसे इन वन ग्रामों के निवासियों को सड़क, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकी। जलौनी लकड़ी बेचकर पेट पालने वाले वनटंगियों के परिवार को आजादी के बाद पहली बार वोट का हक मिला।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button