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अपना जेंडर चेंज कराएंगी बंगाल के पूर्व CM बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी, सुचेतना से बनेंगी ‘सुचेतन’

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व माकपा के कद्दावर नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना भट्टाचार्य अपना जेंडर चेंज कराएंगी. अब उनका नया नाम ‘सुचेतन’ होगा. सुचेतना ने कहा कि वह जल्द ही ऑपरेशन कराकर अपना जेंडर बदलेंगी. इसके लिए वह कानूनी रूप से सलाह ले रही हैं. साथ ही मनोचिकित्सकों से भी संपर्क किया है, ताकि वह इसके लिए मानसिक रूप से मजबूत हो सकें. सुचेतना ने कहा कि आज वह 41 साल की हैं. जिंदगी के शुरुआती दिनों से ही उन्होंने अपने आपको एक पुरुष रूप में पहचाना है. इसलिए जेंडर चेंज कराने का फैसला किया.

बता दें कि बुद्धदेव भट्टाचार्य करीब 11 साल तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे. उनका कार्यकाल 2000 से अप्रैल 2011 तक रहा. मई 2011 से टीएमसी चीफ ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की कमान संभाल रही हैं. बुद्धदेव भट्टाचार्य अब राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं. वह लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. उनकी पत्नी मीरा भट्टाचार्य को पेसमेकर लगा हुआ है. जेंडर चेंज कराने को लेकर सुचेतना ने कहा कि उनका राजनीतिक बैक ग्राउंड रहा है. इसलिए मीडिया में इस खबर का आना स्वाभाविक है, लेकिन मेरी विनती है कि मेरे मां-बाप को इसमें न घसीटें. यह मेरा निजी फैसला है.

वामपंथी कार्यकर्ता ने फेसबुक पोस्ट लिख दी जानकारी

बीते मंगलवार को सुचेतना भट्टाचार्य पीपुल्स रिलीफ कमेटी द्वारा LGBTQIA+ लोगों की हेल्थ पर आयोजित एक वर्कशॉप में गई थीं. यहां उनकी मुलाकात सुप्रभा रॉय नाम की एक वामपंथी कार्यकर्ता से हुई. सुचेतना ने अपने इस फैसले के बारे में सुप्रभा को बताया, जिसके बाद सुप्रभा ने फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिख सुचेतना के जेंडर चेंज कराने के बारे में जानकारी दी. सुप्रभा ने फेसबुक में लिखा कि, “बातचीत के दौरान सुचेतना ने उन्हें अपने जेंडर चेंज कराने की जानकारी दी. सुचेतना ने कहा कि वह लंबे समय से मानसिक रूप से ट्रांस मैन हैं. इस बार अंतर सिर्फ यह होगा कि वह फिजिकली पुरुष हो जाएंगी.”

फैसले पर मां-बाप का साथ मिलेगा- सुचेतना

सुचेतना ने कहा कि उनके इस फैसले में मां-बाप भी उनका साथ देंगे. कौन क्या कहेगा, इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता है. बस अपनों का साथ मिलना चाहिए. वह चाहती हैं कि लोग उन्हें सुचेतन नाम से जाने. उनके इस फैसले से LGBTQIA+ के आंदोलन को गति मिलेगी. उन्होंने LGBTQIA+ की समस्याओं और अधिकारों की लड़ाई लड़ी है. उनके बारे में काफी कुछ जाना है. आगे भी वह इनके लिए संघर्ष करती रहेंगी. बता दें कि सुचेतना राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं है. उनकी पहचान पर्यावरण कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है.

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