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दुधवा में बाघों की मौत का सीएम योगी ने लिया संज्ञान, जांच समिति गठित

दुधवा नेशनल पार्क, लखीमपुर में विगत कुछ दिनों के भीतर हुई बाघों की असमय मौत का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। वन्य जीवों के प्रति खास लगाव रखने वाले सीएम ने वन मंत्री, अपर मुख्य सचिव वन एवं वन विभाग के अन्य अधिकारियों को तत्काल दुधवा नेशनल पार्क जाकर विस्तृत जाँच करने एवं रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

क्यों हो रही हैं, बाघों की मौत

दुधवा टाइगर रिजर्व की मैलानी रेंज से सटे रामपुर ढखैया गांव में एक बाघिन की मौत हुई थी जिसका पोस्टमार्टम किया गया तो रिपोर्ट से पता चला कि बाघिन ने कई दिनों से कुछ भी खाया-पिया नहीं था। जिस कारण उसकी आंतें सूख गई थीं। वहीं दक्षिण खीरी वन विभाग के गोला रेंज की रायपुर बीट के गदियाना गांव में एक तेंदुआ भी मृत मिला जिसका पेट भी खाली पाया गया, रामपुर ढखैया गांव में मरी बाघिन पहले से बीमार ही बताई जा रही थी उसके दांत भी टूटे हुए थे और पंजे भी जख्मी थे। जबकि तेंदुवे के बारे में बताया जा रहा हैं कि आपसी संघर्ष के दौरान वो घायल हो गया था जिसके कारण वो शिकार करने में अक्षम हो गया था।

खाने-पीने की कोई कमी नहीं

दुधवा टाइगर रिजर्व को लेकर अफसरों ने दावा किया हैं कि यहाँ किसी भी तरह से खाने – पीने की कोई कमी नहीं हैं, यहां जानवरों के लिए जलाशय भी बनाए गए हैं, जिसमे भरपूर मात्रा में पानी है, फिर भी बाघ और तेंदुए शिकार के लिए जंगल के बाहर इंसानी आबादी की ओर बढ़ रहे इसकी मुख्य वजह जानवरो में आपसी संघर्ष हैं। वर्ष 2022 में हुई पशुओं की गणना में इस बात की पुष्टि हुई कि दुधवा टाइगर रिजर्व में 21 फीसदी घास के मैदान हैं, जिसके चलते यहां पांच प्रजातियों के हिरनों, जंगली सुअरों और नीलगायों की संख्या भी पर्याप्त मात्रा में हैं।

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