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प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में साझा किया यूनेस्को महानिदेशक का विशेष संदेश

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (रविवार) अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपीसोड के संबोधन में यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे एजोले के विशेष संदेश को शामिल किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की भारत में प्राचीन परंपरा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई का विकल्प इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूनेस्को महानिदेशक ने भारत में शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण के संबंध में भारत के प्रयासों के बारे में जानकारी ली। उनका संदेश सुनाने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा- “बात शिक्षा की हो या संस्कृति की, उसके संरक्षण की बात हो या संवर्धन की, भारत की यह प्राचीन परंपरा रही है। इस दिशा में आज देश जो काम कर रहा है, वो वाकई बहुत सराहनीय है।”

उन्होंने कहा कि शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति, क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प और शिक्षा प्रौद्योगिकी एकीकरण जैसे कई प्रयास किए गए हैं। उनका विश्वास है कि सामूहिक प्रयास से बड़े से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल हम आजादी के अमृतकाल में आगे बढ़ रहे हैं। जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षा के साथ-साथ विविध वैश्विक संस्कृति को समृद्ध करने के लिये हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।

यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे एजोले ने अपने संदेश में कहा कि यूनेस्को 2030 तक दुनिया में हर किसी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच देने के लिए सभी देशों के साथ काम कर रहा है। यूनेस्को संस्कृति का समर्थन करने और विरासत की रक्षा के लिए भी काम करता है और भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के साथ, क्या आप इस उद्देश्य को प्राप्त करने का भारतीय तरीका बता सकते हैं। महामहिम, भारत कैसे संस्कृति और शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में सबसे ऊपर रखना चाहता है?

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