उत्तर प्रदेशलखनऊ

कथक प्रतियोगिता में आरोही, वंशिका, अंशिका अपने-अपने वर्ग में रहीं अव्वल

  • उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की पांच दिवसीय शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिताएं हुई सम्पन्न

लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से 24 अप्रैल से शुरू हुई प्रदेश स्तरीय शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की प्रतिस्पर्धाएं आज यानि शुक्रवार को कथक प्रतियोगिताओं के साथ सम्पन्न हो गया। गोमती नगर विपिन खंड स्थित अकादमी के वाल्मीकि ऑडिटोरियम में चल रही प्रतियोगिता का उद्घाटन अकादमी के निदेशक तरुण राज ने किया । उन्होंने बताया कि इसमें प्रदेश के 19 संभागों के प्रथम आए ध्रुपद, धमार, ख्याल तराना, ठुमरी, दादरा गायन, तंत्र, गंज, सुषिर, तबला, पखावज वादन और कथक नृत्य के प्रतिभागी भाग लिया।

कथक प्रतियोगिता में बाल वर्ग में मेरठ की आरोही बलूनी पहले, प्रयागराज की समृद्धि श्रीवास्तव दूसरे और वहीं गाजियाबाद की ईवा संकल्प तीसरे स्थान पर रही। किशोर वर्ग में मेरठ की वंशिका त्यागी पहले और लखनऊ की वल्लरी नारायण पाठक दूसरे स्थान पर रही। युवा वर्ग में लखनऊ की अंशिका कटारिया पहले, कानपुर की कनक कुलश्रेष्ठ दूसरे और मेरठ की आयुश्री गुप्ता तीसरे स्थान पर रहीं।

बाल वर्ग कथक में प्रयागराज की समृद्धि श्रीवास्तव ने गणेश स्तुति विघ्नविनाशक गणेश स्तुति ओम् गं गणपतये नमः… पर नृत्य किया। पारंपरिक कथक उन्होंने शिव-पार्वती परन, बेदम तिहाई का प्रदर्शन किया। उनकी गुरु उर्मिला शर्मा ने पढ़ंत पर वहीं तबले पर पूरन मिश्रा, हारमोनियम वादन अनिल कुशवाह ने किया। लखनऊ की अंशिका त्यागी ने शिव स्तुति ’डमरू हर कर बाजे.. पर जोशीला कथक नृत्य का प्रदर्शन कर तालियां बटोरीं। बांदा की आराध्या सिंह मौर्या ने तीन ताल और कवित्व पर कथक नृत्य किया। किशोर वर्ग में लखनऊ की वल्लरी नारायण पाठक ने ’सब बन ठन आई श्याम प्यारी रे… पर सुंदर भावों का प्रदर्शन किया। युवा वर्ग में लखनऊ की अंशिका कटारिया और लखनऊ के शैलेन्द्र कुशवाहा ने तीन ताल पर पारंपरिक कथक का प्रदर्शन कर निर्णायकों का ध्यानाकर्षण किया।

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में पद्मश्री पं.शम्भू महाराज के पुत्र राममोहन महाराज, डॉ.बीना सिंह, डॉ.शाम्भवी शुक्ला शामिल थीं। कार्यक्रम का संचालन कर रहे राजेन्द्र विश्वकर्मा ने किया। प्रतियोगिता की संयोजिका और संगीत सर्वेक्षक रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि यहां हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं प्रस्तुतियां अकादमी के होने वाले कार्यक्रम ’नवांकुर’ के तहत भविष्य में कराई जाएगी।

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