उत्तर प्रदेशलखनऊ

नाइजीरिया के डा. जकारी ने कहा, बच्चे का अधिकार सुनिश्चित कराना यूनिसेफ का मकसद

लखनऊ। डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में ’समावेशी शिक्षा का सम्मिलित दृष्टिकोण’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभागों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान अपने-अपने विभाग में दिव्यांग बच्चों के लिए चलाई गयी विभिन्न कार्य योजनाओं के बारे में यूनीसेफ के प्रतिनिधियों एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया।

नाईजीरिया से यूनीसेफ प्रमुख के रूप में आये डॉ0 जकारी अदम ने कहा कि यूनीसेफ का लक्ष्य प्रत्येक बच्चा को पूर्ण विकसित होने तक अपने अस्तित्व, विकास में भागीदारी और सुरक्षा के अधिकारों का आनंद लेने में सक्षम बन सके। कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों को बाल अधिकारों के प्राप्ति के बिना हासिल नहीं किया जा सकता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के आलोक में हम दिव्यांग बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण के विशेष सचिव अजीत कुमार ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना, कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना, राज्य सरकार सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क बस यात्रा की सुविधा योजना, राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना, निःशुल्क चिकित्सा अनुदान योजना, बचपन डे-केयर सेन्टर योजना, विशेष विद्यालय, डिजिटल नवाचार एवं दिव्यांग जनों को न्याय दिलाने के लिए डिसीबेलीटी कोर्ट (दिव्यांग न्यायालय) की स्थापना आदि प्रमुख योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग पूरा निष्ठा के साथ सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।

डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह ने विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में एशिया में अपना महात्वपूर्ण स्थान बना चुके, इस संस्थान में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित हैं। इन आरक्षित सीटों का 50 प्रतिशत यानी कुल सीटों का 25 प्रतिशत नेत्रहीनों के लिए आरक्षित हैं। हमने उच्च शिक्षा में दिव्यांगजनों के प्रवेश को बढ़ाने के लिए माध्यमिक स्तर पर प्री-डिग्री कोर्स (पी0डी0सी0डी0) प्रारम्भ किया है, जिसकों उत्तीर्ण करने के पश्चात् दिव्यांग विद्यार्थी उच्च शिक्षा में आसानी से प्रवेश पा सकते हैं।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय, अधिष्ठाता विशेष शिक्षा प्रो. आर.आर. सिंह, उप कुलसचिव अनिल मिश्रा, एम. जिशान, क्रांति कुमार, रोहिताश थपलियाल, नीलम सिंह आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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