उत्तर प्रदेशलखनऊ

अधिवक्ता न्याय प्रणाली का आवश्यक अंग हैः राज्यपाल

  • न्याय प्रक्रिया में पारिवारिक पक्ष पर सहृदयता से विचार करेंः राज्यपाल
  • महिला को उसके काम से पहचानें, उसे एरोगेंट नाम न देंः न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सामाजिक संरचना में न्याय की उपलब्धता महत्वपूर्ण होती है। अधिवक्ता न्याय प्रणाली का आवश्यक अंग है। न्याय प्रणाली से जुड़े होने के कारण देश की स्वतंत्रता से लेकर समाज सुधार, राजनीति, संस्कृति जैसे क्षेत्रों में अधिवक्ताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ हाईकोर्ट के ऑडीटोरियम में अवध बार एसोसिएशन द्वारा ‘‘रोल ऑफ वुमेन इन द फील्ड आफ लाॅ‘‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि थी।

उन्होंने सामान्य नागरिकों का न्याय पालिका पर भरोसा होने की चर्चा करते हुए कहा कि न्याय प्रक्रिया के सरल होने, महिलाओं और कमजोर वर्ग को सुगमता से न्याय मिलने तथा आम आदमी को समय से न्याय प्राप्त होने पर जोर दिया। उन्होंने इसी क्रम में न्याय प्रक्रिया में पारिवारिक पक्ष पर सहृदयतापूर्वक विचार करने का सरल संवेदनात्मक आग्रह भी किया।

उन्होंने कहा कि महिलाएं काम करती हैं तो बदलाव आता है। अब बेटियां अपना विकास कर रही हैं, जो भविष्य में एक बड़ा सामाजिक बदलाव लाएगा। उन्होंने कामकाजी दम्पत्तियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाएं दोहरा दायित्व उठा रही हैं, इसलिए पुरुषों को भी घरों में संयुक्त रूप से कार्य की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

वरिष्ठ न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद सुनीता अग्रवाल ने उन महिला अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने न्याय के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाया और आगे इस क्षेत्र में महिलाओं को कार्य करने का मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि पुरुष कार्यक्षेत्र में महिलाओं को प्रतिद्वन्दी नहीं, सहयोगी समझें।

उन्होंने बार एसोसिएशन से अपील की कि कोर्ट परिसर में किसी भी महिला अधिवक्ता से लैंगिंक भेदभाव को गम्भीरता से लें। कार्यक्षेत्र में महिला के व्यक्तिगत जीवन को लक्ष्य न करें, उसे एरोगेंट नाम न दें। महिला को उसके काम से पहचाने।

वरिष्ठ न्यायाधीश उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच डीके उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है, जिससे बंधनों को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने सभी सामाजिक अवरोधों को शीशे की दीवार बताते हुए महिलाओं को शैक्षिक और कौशल विकास से इसे तोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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