उत्तर प्रदेशलखनऊ

पर्यटन के क्षेत्र में उप्र छू रहा नया आयाम : ब्रजेश पाठक

  • बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में ‘‘धार्मिक पर्यटन’’ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की हुई शुरूआत

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार को ‘‘धार्मिक पर्यटन’’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठ की शुरुआत की गई। संगोष्ठी का शुभारंभ उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एक नए आयाम को छू रहा है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम और प्रभु श्रीकृष्ण की धरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। एक आंकड़े के अनुसार दिसंबर में गोवा से अधिक पर्यटक बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने काशी पहुंचे। उन्होंने सम्मेलन की सफलताओं के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन समय -समय पर होते रहने चाहिए।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि बाबासाहेब के आदर्शों पर हमारा विश्वविद्यालय चलता है और आगे भी चलता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़े स्थानों के पंचतीर्थ के तौर पर विकसित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय को छठा तीर्थ बनाए जाने का प्रयास करना चाहिए।

कुलपति ने कहा कि रामेश्वरम से कैलाश और अटक से कटक तक इस पूरी माला के मोती ये हमारे तीर्थ ही हैं। 52 शक्ति पीठ और 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा बौद्ध, जैन तथा अन्य धर्मस्थलों पर करोड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने जाते हैं। मेघालय से बीबीएयू आए छात्रों के एक दल ने भी अयोध्या और काशी का दर्शन किया। हमें इन स्थानों पर भ्रमण के समय विशेष रूप से स्वच्छता का ध्यान देना चाहिए, भगवान वही निवास करते हैं जहां स्वच्छता रहती है।

विशिष्ठ अतिथि डॉ. नीरजा पांडेय ने बताया कि तीर्थयात्रा शब्द से हम सभी परिचित हैं। हम लोगों की संस्कृति यात्रा से जुड़ी हुई है। एक बार ये जरूर लगता है कि पर्यटन और धर्म में विरोधाभास है, लेकिन ऐसा है नहीं। धर्म हमारा आदर्श होता है, हमारा विश्वास होता है। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डॉ. सुरेश शर्मा ने कहा कि हमें धार्मिक पर्यटन को केवल धर्म के संबंध में नहीं, इसे हमें संपूर्ण विकास के रूप में देखना चाहिए। धार्मिक पर्यटन को केवल उत्तर प्रदेश के नहीं पूरे देश के संदर्भ में देखना चाहिए।

कार्यक्रम की संयोजक डॉ. तरुणा, संकायाध्यक्ष, प्रबंधन एवम वाणिज्य प्रो. कुशेंद्र मिश्रा ने भी संबोधित किया। इस सम्मेलन में प्रमुख रूप से प्रो. सुनीता मिश्रा, प्रो. गजानन पाण्डेय, प्रो. एम.पी. सिंह, प्रो. वी.सी. यादव, प्रो. शिल्पी वर्मा, डाॅ. अनिल यादव, डाॅ. सुभाष यादव सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित थे।

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