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नित्यानंद का नया ढोंग! अमेरिका के 30 शहरों के साथ साइन किया ‘कल्चरल पार्टनरशिप’

वाशिंगटन: स्वघोषित धर्मगुरु और भगोड़ा नित्यानंद के तथाकथित देश ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा‘ ने तीस से ज्यादा अमेरिकी शहरों के साथ ‘कल्चरल पार्टनरशिप’ पर साइन किए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट मे कहा गया कि, यह खबर उस दौरान सामने आई है जबकि अमेरिका के न्यू जर्सी के नेवार्क शहर ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उसने कैलासा के साथ ‘सिस्टर सिटी’ एग्रीमेंट को रद्द किया था.

बता दें कि नेवार्क शहर और फर्जी देश ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ के साथ इसी साल 12 जनवरी को सिस्टर सिटी समझौते पर साइन किए गए थे. यह हस्ताक्षर समारोह नेवार्क के सिटी हॉल में ही आयोजित किया गया था. स्वघोषित धर्मगुरु नित्यानंद पर भारत में कई गंभीर आरोप हैं जिसके बाद वह देश छोड़कर भाग गयाा है. 2019 में नित्यानंद ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी करके बताया था कि उसने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा नाम का देश बनाया है.

नित्यानंद की वेबसाइट के अनुसार 30 से ज्यादा अमेरिकी शहरों ने कल्चुरल पार्टनरशिप साइन की है फर्जी देश कैलासा के साथ. सिटीज जिनमें रिचमोंड, वर्जिनिया से डेटोन, ओहायो से ब्यूना पार्क, फ्लोरिडा …. लगभग पूरे देश के कई शहरों ने. फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘हम सुप्रीम फर्जी धर्मगुरु को ढूंढ रहे हैं, जिसके पास ठगे हुए शहरों की एक लंबी लिस्ट है.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि नित्यानंद अमेरिका के कई शहरों तक पहुंचा ताकि इस समझौते पर साइन करवा सके. अभी तक ज्यादातर शहरों ने इस बात की पुष्टि भी की है कि उन्होंने फर्जी देश के साथ इस समझौते पर साइन किया है. जैक्सनविले, और उत्तरी कैरोलिना ने फॉक्स न्यूज को बताया कि, कैलासा के साथ हमारी घोषणाएं उस देश के लिए कोई समर्थन नहीं है. एक आवेदन के जवाब में वह सभी एक रिस्पॉन्स के तौर पर दिया गया क्योंकि हम अवेदन को वैरीफाई नहीं करते हैं.

इस जानकारी के बाद फॉक्स न्यूज ने इन शहरों पर आवेदन से जुड़े तथ्यों को गूगल पर ढूंढने की कोशिश नहीं करने का आरोप लगाया है. फॉक्स न्यूज एंकर ने कहा, अगर कोई घोषणा चाहता है तो उसे उद्घोषणा मिलती है. वे बस कहेंगे कि आप एक विदेशी हिंदू द्वीप हैं और वे आपके नाम पर एक सड़क का नाम रखेंगे. फॉक्स न्यूज ने आगे अपनी रिपोर्ट में कहा कि, यह सिर्फ उन शहरों के लोग, मेयर्स या काउंसिल नहीं बल्कि वो लोग भी इसमें शामिल हैं जो कि केंद्र सरकार चला रहे हैं.

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