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यूपी को दुनिया के सामने एक मॉडल के तौर पर प्रस्तुत करना है : रेल मंत्री

  • समिट में रेल मंत्री ने ’रेल और सड़क के आधुनिकीकरण में उप्र’ विषय पर सत्र को किया संबोधित
  • रेल मंत्री ने कहा, उप्र के 150 रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तर का बनाया जा रहा है
  • रेलवे और उप्र सरकार के बीच 17,507 करोड़ रुपये के एमओयू का आदान-प्रदान हुआ

लखनऊ। भारत सरकार के रेल और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उत्तर प्रदेश (यूपी) की जीआईएस-23 की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की डबल इंजन की सरकार प्रदेश को बुलेट ट्रेन की गति से आगे बढ़ा रही है। भारत की ग्रोथ में यूपी का महत्वपूर्ण योगदान है। इसी वजह से जी-20 के महत्वपूर्ण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहे हैं।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमें यूपी को दुनिया के सामने एक मॉडल के तौर प्रस्तुत करना है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जब रेल बजट आता था तो यूपी के हिस्से में 1000-1100 करोड़ रुपये आवंटित होते थे। इस बार के बजट में मोदी सरकार ने यूपी के हिस्से में 16 गुना बढ़ोतरी की गई है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) के तीसरे दिन रविवार को यूपी में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क विकास को लेकर रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 17,507 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। इस दौरान ’रेल और सड़क के आधुनिकीकरण में उत्तर प्रदेश’ विषय पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमृत भारत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश के 150 स्टेशन को विश्व स्तर का बनाया जा रहा है।

आर्ट और क्राफ्ट में कार्य करने वाले लोगों के वन स्टेशन वन उत्पाद की योजना शुरू की गई है। इससे इस सेक्टर से जुड़े लोगों की आमदनी बढ़ी है। साथ ही ये उत्पाद लोकल से ग्लोबल बन गए हैं। उन्होंने निवेशकों का आह्वान करते हुए कहा कि रेलवे से जुड़कर बिना किसी संकोच के आप उत्तर प्रदेश में अपना प्रोजेक्ट लगाएं और अपने निवेश को फलदायी बनाएं। रेलवे इसमें आपका पूरा सहयोग करेगा।

देश का औद्यौगिक रास्ता भी उप्र से होकर जाएगा : जितिन प्रसाद

इस विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि रेल और रोड के बिना हम जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं कर पाएंगे। यूपी में चार लाख किलोमीटर का सड़क नेटवर्क है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व प्रदेश में एक्सप्रेस-वे और सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। 560 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 59 रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) पर काम पूरा हो चुका है। साथ 250 आरओबी को चिन्हित कर लिया गया है, जिन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक लाख टीयूवी का कार्य रेलवे के सहयोग से पूरा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर इसका पूरा खर्च रेलवे वहन करेगा। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद निवेशकों से यूपी में निवेश की आह्वान करते हुए कहा कि आने वाले समय में यूपी से सिर्फ भारत की राजनीति का ही नहीं बल्कि देश का औद्यौगिक रास्ता भी उत्तर प्रदेश से जाएगा।

योगी के नेतृत्व में विकास के मानक गढ़ रहा है यूपी : मंत्री बृजेश सिंह

कार्यक्रम के विशेष सत्र में आए अतिथियों और लोगों का आभार जताते हुए उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के राज्य मंत्री बृजेश सिंह ने कहा कि किसी भी देश और प्रदेश की समृद्धि के चार मानक हैं। पहला हवाई नेटवर्क, दूसरा बेहतरीन रेल नेटवर्क, तीसरा अच्छी सड़कें और चौथा जल मार्ग की व्यवस्था। उत्तर प्रदेश इन चारों मानकों पर खरा उतर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहा है।

फरवरी के अंत तक उप्र के पूरे रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हो जाएगा

रेलवे बोर्ड (इंफ्रास्ट्रक्चर) के सदस्य रूप नारायण शंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में रेल नेटवर्क के विकास किया जा रहा है। देश में 1275 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तर का बनाया जा रहा है, इनमें 150 यूपी में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8 हजार किमी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है। फरवरी के अंत तक उत्तर प्रदेश के पूरे रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हो जाएगा।

फ्रेट कॉरिडोर के पूरा होने से रेल के नेटवर्क में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा

रेलवे के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र जैन ने कहा कि देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हम बना रहे हैं। इसमें एक पश्चिम कॉरिडोर है तो दूसरा पूर्वी कॉरिडोर है। इन फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से माल गाड़ियों का आवागमन सुगम हो जाएगा और समय की बचत होगी। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक हजार 58 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। इसके पूरा होने से उत्तर प्रदेश के रेल के नेटवर्क में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा। यहां निवेश करने वाले उद्यमियों को अपना माला लाने और ले जाने में कोई समस्या नहीं होगी।

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