उत्तर प्रदेशलखनऊ

उप्र: सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से बनी सड़कें मानी जा रही टिकाऊ

  • 31 मार्च तक पूर्ण होने हैं 95 सड़कों के कार्य

लखनऊ। सड़क की क्वालिटी मेंटेनेंस के लिए लोक निर्माण विभाग की 2023 में बड़ी तैयारी है। विभागाध्यक्ष ने विभागीय अधिकारियों से गुणवत्ता परक सड़कें बनवाने के लिए स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक से अभी तक जो सड़कें बनी है, वे सभी बेहतर व टिकाऊ मानी जा रही हैं।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पहली बार सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक पर चर्चा आम हुई और इस व्यवस्था को लागू कर कार्य शुरू हुआ। समय के साथ ही, प्लास्टिक के उपयोग से बनी सड़कों में उछाल कम, मजबूती ज्यादा होने के कारण इसकी मांग बढ़ी। बीते पांच वर्षों में प्लास्टिक के उपयोग से 325 सड़क कार्य हुए और जिसमें उत्तर प्रदेश के बाहर से आने वाली प्रमुख सड़कों को जोड़ा भी गया।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतिम तिथि 31 मार्च तक छोटे बड़े 95 सड़क कार्यों को पूरा होना है। इसकी गति धीमी हैं, बावजूद इसके प्लास्टिक यूज सड़कों को समय से पूरा किये जाने का दावा किया जा रहा हैं। लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष संदीप की माने तो समय के साथ सभी सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएंगे। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से मिली रिपोर्ट में समस्त सड़कें समय से तैयार होंगी।

लोक निर्माण विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार गड्ढा मुक्त अभियान के गति के कारण सड़कों के नवनिर्माण कार्यों को थोड़ा विलंब हुआ है। वित्तीय वर्ष 2023 में 95 कार्यों को पूरा होना था, जिसके सापेक्ष अभी तक 10 कार्य ही पूर्ण हुए हैं।

लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने एक बयान में कहा था कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से कोई कार्य विलंब से नहीं होगा। सभी मरम्मत व निर्माण कार्यों को समय रहते पूरा कराया जाएगा। बीच-बीच में समीक्षा बैठकर भी की जाएंगे, जिससे चल रहे कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी हो सके।

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