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पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की अमेरिकी सैन्य सहायता देने पर भारत ने जताई चिंता

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से टेलीफोनिक वार्ता में मुद्दा उठाया
  • एफ-16 लड़ाकू विमान कार्यक्रम के तहत दी गई आर्थिक सहायता को अमेरिका ने जायज ठहराया

नई दिल्ली। पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से 45 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता दिए जाने पर भारत ने चिंता जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को इस बारे में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आगे भी रक्षा सचिव ऑस्टिन से बातचीत जारी रखने की उम्मीद जताई।

रक्षा मंत्री सिंह ने ट्वीट करके बताया कि अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन से गर्मजोशी के साथ सार्थक टेलीफोनिक वार्ता हुई। हमने उनके साथ बढ़ते सामरिक हितों और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग और बढ़ाने पर चर्चा की। इसके अलावा हमने तकनीकी और औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने और उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में सहयोग का पता लगाने के तरीकों पर भी चर्चा की। रक्षा मंत्री ने बताया कि मैंने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान कार्यक्रम के तहत 45 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता देने के अमेरिकी निर्णय पर भारत की ओर से चिंता व्यक्त की। उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आगे भी रक्षा सचिव ऑस्टिन से बातचीत जारी रखने की उम्मीद जताई।

दरअसल, अमेरिका ने बीते 8 सितंबर को पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद का ऐलान किया था। एफ-16 लड़ाकू विमान कार्यक्रम के तहत यह राशि देने की बात कही गयी थी। पिछले चार सालों में वाशिंगटन की ओर से इस्लामाबाद को दी जाने वाली यह पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है। इस फैसले पर अमेरिका में भी सवाल उठे हैं, क्योंकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास नहीं कर रहा है। इस मसले पर अब अमेरिका की ओर से सफाई भी सामने आई है। अमेरिकी संसद को बताया गया है कि पाकिस्तानी वायु सेना के एफ-16 विमानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर देने का फैसला लिया गया है। अमेरिकी सरकार ने कहा कि इन लड़ाकू विमानों के बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान के संचालन में मदद मिलेगी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि इस बाबत अमेरिकी नेतृत्व ने पाकिस्तान के लिए सैन्य सहायता दिये जाने को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार है। वह आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के लिए मजबूत दोस्त की तरह साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों का अहम हिस्सा है। इस आर्थिक मदद से पाकिस्तान अपने एफ-16 बेड़े की मरम्मत कर सकेगा, जिससे वह आतंकवाद के वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपट सकेगा।

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