उत्तर प्रदेशलखनऊ

प्रदेश के 1500 ग्राम पंचायत सौर ऊर्जा से होंगे रोशन

  • बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना के अंतर्गत होगा काम, हर जिले के 20 ग्राम पंचायतों का होना है चयन

लखनऊ। प्रदेश के गांवों को अब सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने योजना बना ली है। पहली किश्त में 1500 गांवों में सोलर लाइट लगाए जाने की योजना है। इसके लिए हर जिले के 20 गांवों का चयन किया जाना है। ये सोलर लाइटें बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना के अंतर्गत लगाये जाने हैं।

इस संबंध में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दिये हैं। अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की ओर से जारी पत्रांक संख्या 33/ 2022/754/87-अति0ऊ0स्रो0वि0/2022 में कहा गया है कि बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना के अंतर्गत सार्वजनिक पथ प्रकाश की व्यवस्था एक मूलभूत आवश्यकता है। सौर ऊर्जा के माध्यम से पथ प्रकाश की व्यवस्था होने पर ग्राम में सामाजिक उत्थान के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश में कार्य क्षमता, सामाजिक सुरक्षा आदि के बोध के साथ ही स्वच्छ वातावरण का निर्माण हो सकेगा।

इसके अंतर्गत हर जिले के 20 ग्राम पंचायतों का चयन करने के लिए कहा गया है। इन जिलों में यह देखा जाएगा कि हर विधानसभा के बराबर-बराबर ग्राम पंचायत चयनिक किये जायं। इसके लिए ग्राम पंचायतों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होगी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, परियोजना अधिकारी, यूपीनेडा सदस्य-सचिव होंगे।

समिति द्वारा चयन किये जाने के बाद ग्राम पंचायतों की सूची यूपीनेडा को उपलब्ध करायी जानी है। चयनित ग्राम पंचायत में 30 घर पर एक लाइट का औसत मानक रखा गया है, जिससे कि प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो सके। एक ग्राम पंचायत में 10 लाइट लगाया जाएगा। लाइटों को लगाए जाने में यह भी ध्यान रखा जाना है कि किसी निजी भूमि अथवा बाउंड्री के अंदर सोलर लाइट न लगे। छाया रहित सार्वजनिक स्थलों का ही चिंह्नाकन किया जाएगा।

इन सोलर लाइटों का पांच वर्ष तक रख-रखाव भी कार्यदायी संस्था ही करेगी। इसी आधार पर उस संस्था से अनुबंध होगा। वारंटी अवधि के बाद भी ग्राम पंचायत संयंत्रों की क्रियाशीलता पर ध्यान देगा। वारंटी अवधि में संयंत्रों के निष्क्रिय होने की स्थिति में शिकायत करने के लिए टोल फ्री नम्बर भी दिया गया है।

जिलाधिकारी द्वारा ग्राम पंचायतों का चयन करने के बाद 15 सितंबर तक यूपीनेडा को सूची उपलब्ध करानी है। इसके बाद 30 सितंबर तक यूपीनेडा अनुबंधित फर्म को वर्क आर्डर जारी कर देगा। एक अक्टूबर से जनवरी 2023 तक संयंत्रों की स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया जाना है।

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