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अब 5 जजों की बेंच करेगी फैसला; शिंदे गुट के दावे पर SC का EC को अहम निर्देश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। इस याचिका में शिंदे गुट की ओर से ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे ‘धनुष और तीर’ का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित करने की मांग की गई है।

इसके साथ ही राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार पर 5 जजों की बेंच सुनवाई करेगी। एससी ने मंगलवार को शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उन याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को भेज दिया जिनमें दलबदल, विलय और अयोग्यता से जुड़े कई संवैधानिक सवाल उठाए गए हैं।

जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘मामले को गुरुवार को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें और पीठ शुरुआत में निर्वाचन आयोग की कार्यवाही से संबंधित चुनाव चिन्ह के संबंध में फैसला करेगी।’ पीठ महाराष्ट्र में हाल के राजनीतिक संकट से संबंधित लंबित मामलों की सुनवाई कर रही थी, जिसके कारण राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 39 विधायकों के समर्थन के साथ विद्रोह का विगुल फूंका। पहले सूरत फिर गुवाहाटी उनका ठिकाना बना। उस वक्त शिवसेना की ओर से शिंदे समूह के 16 विधायकों को नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के खिलाफ शिंदे समूह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

वहीं, उद्धव गुट की मांग है कि शिवसेना से अलग हुए शिंदे समूह को संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुसार किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होने के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही उनके समर्थन से सत्ता में आई सरकार को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए। शिवसेना ने इस बड़ी मांग समेत कई बातों को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।

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