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शतरंज ध्यान केन्द्रित करने की प्राचीन विधा : योगी आदित्यनाथ

  • शतरंज ओलंपियाड-2022 के लिए मशाल रिले लखनऊ पहुंचने पर स्वागत में हुआ भव्य आयोजन

लखनऊ। शतरंज ध्यान केन्द्रित करने की प्राचीन विधा है। यह हमें अनुशासन व धैर्य को सीखाता है। निर्णय लेने की क्षमता में भी यह वृद्धि करता है। यदि निर्णय लेने की क्षमता यदि हो तो हम अपने कार्य में सफल होते हैं। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। वे रविवार को शतरंज ओलंपियाड 2022 के लिए मशाल रिले के लखनऊ आगमन पर स्वागत कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह आयोजन विधानसभा के आगे रविवार शाम को हुआ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सबके लिए आज का दिन अत्यंत गौरव का दिन है, जब शतरंज ओलंपियाड 2022 के लिए इस मशाल रिले को प्रधानमंत्री ने शुभारंभ किया था। वह आज लखनऊ पहुंची है। उसके लिए यहां विश्वनाथन आनंद व सभी पदाधिकारियों का स्वागत करता हूं। अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई में आयोजन करने का जो निर्णय किया गया। भारत इसकी प्रथम बार मेजबानी कर रहा है। तीन दशक में एशिया में पहली बार यह आयोजन हो रहा है। इसको बढ़ावा देने के लिए इस बार इस मशाल रिले का आयोजन किया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यहां से ही मशाल रिले शुरू हुआ करेगी।

उन्होंने कहा कि जिस विधा की शुरुआत भारत में ही हुआ हो, उसका पुराना इतिहास रहा है। इससे जुड़ने का गौरव मिल रहा है। यह मशाल रिले प्रधानमंत्री ने विश्वनाथन आनंद को पकड़ाया था। यह देश के 75 जिलों में जा रही है। यह आगरा, कानपुर होते हुए लखनऊ पहुंची है। शतरंज ओलंपियाड में 150 से अधिक देश प्रतिभाग कर रहे हैं। भारत के 20 खिलाड़ी भी प्रतिभाग कर रहे हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार खेल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस अवसर पर रंगारंक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।

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