उत्तर प्रदेशप्रयागराज

सपा सुप्रीमो बताएं कि क्या आतंकवादी मुकदमें वापस लेना राष्ट्रीय हित में था : सिद्धार्थ नाथ सिंह

  • वाराणसी 2006 विस्फोट में वलीउल्लाह और शमीम शामिल थे, अब अदालत ने उन्हें मौत की सजा दी
  • सपा सरकार के दौरान 2013 में सात जिलों में आतंकी हमले से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए गए

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व शहर पश्चिमी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को प्रयागराज निज आवास पर मीडिया से कहा कि सपा सरकार 10 साल पहले चाहती थी कि 15 विचाराधीन कैदी आतंकवादी आरोपों से मुक्त हों। जिसमें वाराणसी 2006 विस्फोट में वलीउल्लाह और शमीम शामिल थे। और अब अदालत ने उन्हें मौत की सजा दी। क्या सपा सुप्रीमो बताएंगे कि क्या यह राष्ट्रीय हित में उनका फैसला था ?

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि आप सबको याद होगा अखिलेश यादव सरकार के दौरान 2013 में सात जिलों में आतंकी हमले से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए गए थे। आतंकी हमले के आरोपितों के प्रति सपा प्रेम व मदद करने तथा आतंकी मुकदमें वापस लेने की प्रबल पैरवी किया था। हालांकि कुछ मामलों में अदालत के मना करने के बाद आरोपितों को 20-20 साल तक की सजा हुई। वाराणसी घटना के मुख्य आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दूसरी तरफ आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीरो टालरेंस की नीति का नतीजा है कि 2017 के बाद आतंकी कहीं भी वारदात करने में सफल नहीं रहे। उत्तर प्रदेश के बाहर भी जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सली इलाकों में भी मोदी सरकार के दौरान आतंकी हिंसा में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।

ज्ञातव्य हो कि अखिलेश सरकार ने जिन 14 मामलों को वापस लिया था। उनमें लखनऊ के छह और कानपुर के तीन मामले थे। इसके अलावा वाराणसी, गोरखपुर, बिजनौर, रामपुर और बाराबंकी का एक-एक मामला था। 05 मार्च, 2013 को वाराणसी के जिस मामले को वापस लिया गया था, वह सात मार्च 2006 में संकटमोचन मंदिर एवं रेलवे स्टेशन कैंट पर हुए सिलसिलेवार बम धमाके से जुड़ा था। दशाश्वमेध घाट पर भी हमला हुआ था। एक प्रेशर कुकर में घड़ी लगा विस्फोटक दशाश्वमेध घाट पर भी मिला था। इस आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसमें मुख्य आरोपित आतंकी संगठन हूजी से जुड़ा वलीउल्लाह और शमीम अहमद थे।

आज कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा अखिलेश यादव का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है। अब अखिलेश यादव आतंकवादी संगठनों के प्रति प्रेम अपना उजागर कर उत्तर प्रदेश की जनता को बताएं कि क्या आतंकवादियों के मुकदमें वापस लेने की नीति आपका राष्ट्रहित का फैसला रहा है।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button