उत्तर प्रदेशलखनऊ

संभव पोर्टल से नगर निकायों व ऊर्जा विभाग में हुई सुनवाई, दिनभर अधिकारियों ने किया निस्तारण

  • नगर विकास व ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर ’संभव’ व्यवस्था के तहत आज ऊर्जा व नगर निकायों में लोगों की शिकायतें सुनीं गयी
  • नगर निकायों में लोगों की शिकायतों का त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर रहा जोर, आज 50 जनपदों में 565 शिकायतें निस्तारित की गई

लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के निर्देश पर पहली बार सभी नगरीय निकायों में नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों द्वारा संभव पोर्टल पर आयी शिकायतों का निस्तारण किया गया। वहीं ऊर्जा विभाग में भी संभव पोर्टल पर शिकायतों की संख्या बढ़ी हुई थी, जिसका समाधान अधिकारियों द्वारा किया गया। नगर निकायों में 50 जनपदों की 700 में से 565 शिकायतों का निस्तारण मौके पर किया गया तथा शेष 135 लंबित शिकायतों के लिए अधनीस्थ अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।

नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने इस कार्यक्रम की सफलता पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि आज अनेक नगर पंचायतों, नगर पालिका परिषदों के अधिशाषी अधिकारियों द्वारा हजारों लोगों की शिकायतें सुनकर उनका निस्तारण किया गया। उन्होंने स्थानीय निकाय के अधिकारियों द्वारा किए गए इस प्रयास की सराहना की और कहा कि यह व्यवस्था आगे भी लागू रहेंगी। अब संभव की इस व्यवस्था से उनकी शिकायतों का निस्तारण त्वरित एवं न्यायपूर्ण ढंग से स्थानीय स्तर पर ही संभव हो सकेगा।

ए.के.शर्मा ने विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों व समस्याओं के गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित समाधान के लिए आईसीटी आधारित ’संभव’ (सिस्टमेटिक एडमिनिस्टेªटिव मैकॅनिज्म ब्रिंग हैप्पीनेस एण्ड वैल्यू) नामक व्यवस्था की शुरुआत कुछ सप्ताह पहले ही ऊर्जा विभाग में की थी। शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्यवाही के भी प्रावधान है। इसका सामाजिक एवं प्रशासनिक स्तर पर व्यापक असर दिखना शुरू हो गया है।

आज की जनसुनवाई में बिलिंग, मीटर खराबी, विद्युत आपूर्ति, लो वोल्टेज, कनेक्शन आदि से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की गई, जिसमें मध्यांचल की 208 में से 165, दक्षिणांचल की 212 में 157 तथा पूर्वांचल की 534 में से 438, पश्चिमांचल की 265 में से 240 इस प्रकार 1219 में से कुल 1000 शिकायतांे का मौके पर ही शीघ्र निस्तारण किया गया तथा शेष 219 शिकायतों को निस्तारित करने के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।

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