उत्तर प्रदेशलखनऊ

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का अनशन जारी, समर्थन में अन्य संतों का सांकेतिक मौन उपवास

वाराणसी। ज्योतिष एवं द्वारका-शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का अनशन लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी जारी है। तीन दिन में उनका वजन 3 किलोग्राम घट गया है। डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। 30 घंटे से अधिक समय से उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया है।

ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा करने से रोके जाने से नाराज होकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने श्री विद्यामठ में शनिवार से अनशन शुरू कर दिया। उनकी हालात स्थिर है। तीसरे दिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थन में अस्सी स्थित मुमुक्ष भवन में संत और दंडी स्वामी भी सांकेतिक मौन उपवास पर बैठ गये। यह उपवास अखिल भारतीय दंडी संन्यासी संघ और गंगा सेवा अभियानम् की पहल पर संतों ने रखा है। शाम को आध्यात्मिक उत्थान महिला मंडल समिति की ओर से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थन में अस्सी घाट पर संकीर्तन किया जाएगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनशन को देखते हुए श्रीविद्या मठ और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया है। वाराणसी कमिश्नरेट ने पुलिस और खुुफिया तंत्र को अलर्ट रहने को कहा है। इसके पहले रविवार देर शाम को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में जिस जगह को न्यायालय के आदेश पर सील किया गया है, यदि हम उस जगह पर जाते और तब हमें रोका जाता तो बात समझ में आती, लेकिन मुझे मठ के अंदर ही रोक दिया गया है। उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि न्यायपालिका के आदेश के नाम पर किसी को मठ के अंदर आने नहीं दिया जा रहा है और न मुझे बाहर जाने दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने ऐसा कभी नहीं कहा कि किसी के घर में बिना अनुमति घुसकर उसे बाहर निकलने से रोका जाए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि न्यायपालिका लोक इच्छा के अनुसार अपना निर्णय करती है और लोक इच्छा है कि शिवलिंग की पूजा की जाए। ज्ञानवापी परिसर में जहां तक जाने की अनुमति है, कम से कम वहां तक हमको जाने दिया जाए ताकि हम शिवलिंग को भोग प्रसाद चढ़ा सकें। संविधान प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों की सेवा का अधिकार देता है। शिवलिंग को देखकर महसूस हो रहा है कि आक्रांताओं ने इसे तोड़ा है और इसका मतलब है कि यह प्राण प्रतिष्ठित हैं। हमारी मांग है कि कम से कम जिस दिन से शिवलिंग दिखा है, उस दिन से उसका जलाभिषेक होना चाहिए था।

श्री विद्यामठ से जुड़े संजय पांडेय ने बताया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को जलाभिषेक से रोकने के विरोध में और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए रविवार शाम को शिव काशी मंच की ओर से मठ में 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। ब्रह्मचारी हृदयानंद ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के स्वास्थ और शक्ति के लिए 1008 बार साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। रविवार को ही मठ की ओर से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बिगड़े स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि जांच में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का शुगर लेवल 184 पाया गया था। दो दिन में अब तक उनका वजन 3 किलोग्राम घट गया है। बीते चार जून को उनका ब्लड प्रेशर 133-86 रहा, वजन 78 किलो था। वहीं पांच जून को उनका ब्लड प्रेशर 140-92 रहा, वजन तीन किलो कम हो गया। शुगर लेवल 44 पहुंच गया है।

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