उत्तर प्रदेशलखनऊ

बाल श्रम की समस्या का समाधान ढूंढना होगा: सुरेश चन्द्रा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने कहा कि बाल श्रम की समस्या एक जटिल समस्या है, जिसे समाज के हर वर्ग को मिल कर समाधान ढूंढना होगा। उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि समिति की बैठक प्रत्येक 06 माह में एक बार अवश्य आयोजित कर ली जाये। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और इनका राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा सहयोग है। सुरेश चन्द्रा बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वासन विषय पर एक राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

सुरेश चन्द्रा ने कहा कि यह समस्या केवल बच्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके परिवार को भी बाहर निकालने के लिए ऐसे प्रयास किये जायें, जिससे उसके परिवार को लाभान्वित किया जा सकता है। इससे उस बच्चे के परिवार की आय के स्रोत बढ़ेगी और बच्चों को श्रम में नहीं लगाया जायेगा। उन्होंने कहा बाल श्रम को खत्म करने के लिए विभिन्न विभागों को सहयोग करना होगा, जिससे उन विभागों में चल रही योजनाओं से बच्चे के परिवार की आय बढ़े।

कार्यक्रम में बाल श्रम उन्मूलन में आ रही समस्याओं व उनके निराकरण पर चर्चा की गयी। बैठक में संशोधित बाल श्रम अधिनियम की राज्य नियमावली को अनुमोदित किया गया। अनुमोदित नियमावली के अनुसार बाल श्रम मुक्त कराये गये बच्चों के नियोक्ताओं को जुर्माने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा भी बाल श्रमिक बच्चे को प्रति बच्चा रूपया 15,000/- दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है। इस हेतु प्रत्येक जिले में बाल एवं किशोर श्रम पुनर्वासन निधि का गठन किया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव ने बाल श्रमिक विद्या योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को तत्काल प्रथम तिमाही की धनराशि हस्तान्तरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों द्वारा बच्चे की आयु परीक्षण व उनकी अल्पअवधि के लिये जिला स्तर पर आवास से सम्बन्धित आ रही समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराने की अपेक्षा भी की। जिस पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों द्वारा इस समस्या का शीघ्र निदान किया जाने का आश्वासन दिया गया।

बैठक में उपस्थित भारतीय मजूदर संघ, इण्टक व अन्य समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा चौराहों व बस अड्डों पर भीख मांगने वाले बच्चों के विषय में चर्चा की गयी। अपर मुख्य सचिव, श्रम द्वारा अवगत कराया गया कि यह समस्या महिला एवं बाल विकास विभाग से सम्बन्धित है, फिर भी इस समस्या का समाधान अवश्य किया जायेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, श्रम उ०प्र० भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव विपिन जैन, विशेष सचिव, श्रम, राजेन्द्र सिंह, अपर श्रमायुक्त मुख्यालय अंजूलता, विभिन्न जिलों के अपर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी एवं परियोजना निदेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक का संचालन सैय्यद रिजवान अली, राज्य समन्वयक, मुख्यालय कानपुर द्वारा किया गया।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button