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भाजपा में शामिल हुए सुनील जाखड़, जेपी नड्डा ने दिलाई पार्टी की सदस्यता

पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। वह दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई सीनियर नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इसके साथ ही  जाखड़ परिवार का कांग्रेस से 50 सालों का रिश्ता टूट गया है। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस के नेता थे और केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। हालांकि उनके भतीजे संदीप जाखड़ फिलहाल कांग्रेस में ही हैं, जो अबोहर से विधायक भी हैं। सुनील जाखड़ के भाजपा में जाने के बाद उनके सियासी भविष्य को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। सुनील जाखड़ ने कांग्रेस के चिंतन शिविर के पहले ही दिन भावुक बयान जारी करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

बाबर से जुड़ी कहानी सुना दिया था कांग्रेस से इस्तीफा

जाखड़ ने कहा था कि पंजाब कांग्रेस का बेड़ागर्क दिल्ली में बैठे उन लोगों ने किया है, जिन्हें पंजाब, पंजाबीयत और सिखी का कुछ भी पता नहीं है। आखिर मैं उन पिछलग्गुओं को किस भाषा में समझाऊं, जो दिल्ली में बैठे हैं। सुनील जाखड़ ने हाईकमान पर तंज कसते हुए कहा था कि आपने मेरा दिल भी तोड़ा तो सलीके से न तोड़ा, बेवफाई के भी कुछ अदब होते हैं। यही नहीं इस दौरान उन्होंने मुगल शासक बाबर का जिक्र करते हुए कहा था, ‘बाबर ने जब पहली बार हाथी देखे तो उस पर बैठ गया और पूछा कि इसकी लगाम कहां है। उससे कहा गया कि इसकी लगाम किसी और के हाथ में होती है। इस पर उसने कहा कि ऐसे जानवर की सवारी क्या करना, जिसकी लगाम ही अपने पास न हो।’

भाजपा में एंट्री से भड़की कांग्रेस, कहा- जाखड़ कभी जननेता नहीं थे

इस बीच पंजाब कांग्रेस के नेता बरिंदर ढिल्लों ने सुनील जाखड़ पर हमला बोलते हुए उन्हें अवसरवादी ही बता दिया। उन्होंने कहा कि सुनील जाखड़ अपने उसूल और आत्मसम्मान और चरित्र की बात करते रहे हैं। अब वह भाजपा में शामिल हुए हैं तो क्या उनका सम्मान लौट आएगा। सुनील जाखड़ कभी कोई जननेता नहीं थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें पद दिया और नाम दिया। लेकिन आज जब पार्टी का वक्त सही नहीं चल रहा है तो आप साथ छोड़कर चले गए। पंजाब यूथ कांग्रेस के नेता केवल सिंह ढिल्लो ने कहा कि हम तो पहली पीढ़ी के ही नेता हैं। लेकिन क्या सुनील जाखड़ इतने कमजोर हैं कि 6 महीने दिक्कत हुई तो आप 50 साल का रिश्ता तोड़ कर चले गए। भाजपा से 50 साल तक जो लड़ाई गई, क्या अब वह खत्म हो गई है।

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