उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

योगी सरकार ने नौ लाख से अधिक गोवंश को किया संरक्षित

  • निराश्रित गोवंश के संरक्षण के साथ फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी योगी सरकार
  • पशुपालकों के घर तक मोबाइल वेटेनरी यूनिट का संचालन
  • सरकार का दावा, प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए पांच सालों में हुआ जमकर काम

लखनऊ। योगी सरकार ने गो संरक्षण केंद्रों को ग्रामीण रोजगार का बड़ा जरिया बनाया है। राज्य सरकार ने इसके लिए कई योजनाएं बनाकर उनको प्रदेश में लागू किया है। प्रदेश में 6199 गो संरक्षण केंद्रों में स्थानीय लोगों की सहभागिता बढ़ा कर उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम किया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में 6199 गो संरक्षण केंद्रों में 9,47,698 गोवंश संरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश के ये गो संरक्षण केंद्र निराश्रित गोवंश के साथ बेरोजगार ग्रामीणों का भी सहारा बन रहे हैं। गो संरक्षण से जुड़ी योजनाओं से स्थानीय लोगों को सीधे जोड़ा जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि पशुपालन की योजनाओं से रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास को बढ़ाने का कार्य योगी सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए बेहद संवेदनशील हैं। इसका ही परिणाम है कि 50 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। प्रदेश में पशु चिकित्सालय की संख्या 5066 और प्रयोगशालाएं 11 हैं।

पशुपालकों के घर तक मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट का संचालन

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार पशुपालन विभाग की ओर से 100 दिनों की कार्ययोजना को तैयार किया गया है, जिसके तहत गो संरक्षण केन्द्रों को स्वावलम्बी बनाया जाएगा। साथ ही 50 हजार निराश्रित गोवंश को आश्रय मुहैया कराया जाएगा। प्रदेश में 20 बड़े गो संरक्षण केन्द्र बनाए जा रहे हैं। पंचायती राज विभाग के सहयोग से 1000 अस्थायी गो सेवा बाड़ा बनाकर गोवंश को 120 दिनों तक सेवा और सुरक्षा देकर आश्रय स्थलों तक भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही 520 मोबाइल वेटेनरी यूनिट का संचालन किया जाएगा। इसके जरिए पशुपालकों के घर तक मोबाइल वेटेनरी यूनिट का संचालन किया जाएगा।

प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए पांच सालों में हुआ जमकर काम

राज्य सरकार के प्रवक्ता का दावा है कि ग्रामीण आश्रय स्थल 5,610 में संरक्षित गोवंश की कुल संख्या 7,15,146 और सुपुर्द गोवंश की संख्या 1,11,123 है। नगरीय आश्रय स्थल 589 में संरक्षित गोवंश की कुल संख्या 111341 और सुपुर्द गोवंश की संख्या 10,088 है। पिछले पांच सालों में 31 पशु चिकित्सालय, 607 पशु चिकित्सालयों का पुननिर्माण और 43173536 पशुओं की ईयर टैंगिंग की गई।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button