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बीरभूम हिंसा और आगजनी पर कलकत्ता हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, अब CBI करेगी जांच

बीरभूम हिंसा और आगजनी पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि अब CBI मामले की जांच करेगा. जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़की थी. हिंसा में दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की मौत हुई है. वहीं फोरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इन लोगों को जिंदा जलाया गया है. सभी आठ लोगों को नरसंहार से पहले बुरी तरह पीटा गया था.

वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खान ने कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि आशा है कि इससे पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा.वहीं घटना में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने कथित रूप से लापरवाही बरतने के आरोप में कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

कई अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

 

इसी कड़ी में गुरुवार को मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में रामपुरहाट के थाना प्रभारी त्रिदिप प्रामाणिक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. इसकी के साथ ही एसडीपीओ श्रीशायन अहमद का ट्रांसफर कर उन्हें विभाग से अटैच किया गया है. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य पुलिस प्रमुख को बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुई आठ लोगों की हत्या के संबंध में नोटिस जारी किया है. आयोग ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाली रिपोर्ट चार हफ्तों के अंदर पेश करने के निर्देश भी दिए हैं.

बीजेेपी ने बोला हमला

वहीं गुरुवार को ममता सरकार पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा कि बंगाल में बदले की ये जो राजनीति हो रही है, इसके कई पन्ने हैं. ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं ने आज तक भाजपा के करीब 200 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा है. उन्होंने कहा कि इस घटना पर पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट जो मीडिया ने प्रकाशित की हैं, वो बताती है कि इन महिलाओं और बच्चों को जलाने से पहले बरबरता पूर्वक मारा-पीटा गया था.

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