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यूक्रेन का दावा- रूस के टॉप कमांडर कर्नल आंद्रेई जखारोव को मार गिराया, टैंकों को भी किया तबाह

यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि उसने टैंकों पर किए हमले के जरिए एक टॉप रूसी कमांडर को मार गिराया है. साथ ही रूसी टैंकों को कीव शहर के बाहर पीछे लौटने पर मजबूर किया गया है. घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि यूक्रेन की राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में मौजूद ब्रोवरी शहर के पास रूसी टैंकों पर गोलीबारी की जा रही है. इसी दौरान रूस के कई टैंकों पर प्रोजेक्टाइल से हमला हो रहा है. यूक्रेन ने दावा किया है कि उसके हमले में कर्नल आंद्रेई जखारोव को मार गिराया गया है, लेकिन अभी तक रूस की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया है.

यूक्रेनी सैनिकों ने कहा कि उन्होंने रूसी टैंकों को पीछे हटने पर मजबूर किया है. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 15 दिनों से जंग चल रही है. इस युद्ध में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना कीव पर कब्जा करने में नाकामयाब रही है. अभी तक दोनों पक्षों को भारी नुकसान उठना पड़ा है. युद्ध की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है. बताय गया है कि अभी तक 23 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है. इन लोगों ने यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों हंगरी, रोमानिया और पोलैंड जाकर शरण ली है. संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि युद्ध की वजह से यूरोप में शरणार्थी संकट खड़ा हो सकता है.

यूक्रेन का दावा-अभी तक मारे गए पांच रूसी कमांडर

इंटरफेक्स-यूक्रेन न्यूज एजेंसी ने यूक्रेन के रक्षा सूत्रों का हवाला देते हुए बताया, सैनिकों और सैन्य उपकरणों को हुए नुकसान के बाद रूसी सैनिकों को अपनी रक्षा करने वाले मोड में जाने पर मजबूर होना पड़ा. इसमें कहा गया कि यूक्रेन के हमले में रेजीमेंट कमांडर कर्नल आंद्रेई जखारोव की मौत हो गई. यूक्रेन ने दावा किया है कि दो हफ्ते पहले शुरू हुए रूसी हमले के बाद से अभी तक रूस के कम से कम पांच कमांडर मारे गए हैं. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूस को लगातार युद्ध में नुकसान उठाना पड़ रहा है. यूक्रेन के प्रतिरोध की वजह से रूस की सेना (Russian Army) की हालत खराब है.

पुतिन ने यूक्रेन में विदेशी लड़ाके भेजने की अनुमति दी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण में शामिल होने के लिये मध्य पूर्व और अन्य भागों से ‘वॉलंटियर्स’ लड़ाके लाने का आदेश दिया है. क्रेमलिन के एक प्रतिलेख के अनुसार रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि रूस मध्य-पूर्व के देशों के ’16 हजार से अधिक आवेदकों’ को जानता है, जिन्होंने इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ रूस की मदद की थी. शोइगू ने कहा कि वे पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों के क्षेत्रों की ओर से लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वे मुक्ति आंदोलन में भाग लेना चाहते हैं. साल 2015 से रूसी बल सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन कर रहे हैं, जिनके शासन का इस्लामिक स्टेट समेत विभिन्न समूह विरोध करते आ रहे हैं. पुतिन ने शोइगु से कहा कि रूस को ‘युद्ध क्षेत्र में जाने’ के लिए स्वयंसेवकों की मदद करनी चाहिए.

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