बड़ी खबरविदेश

पाकिस्तान में गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय दर्जा देने की मांग, सांसदों ने पेश किया विधेयक, भारत ने जताई नाराजगी

पाकिस्तानी सांसदों के एक समूह ने गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय दर्जा देने के लिए संसद के ऊपरी सदन में एक विधेयक पेश किया है. गिलगित-बाल्तिस्तान को भारत अपना अभिन्न हिस्सा बताता है. पाकिस्तान में पहले भी गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय दर्जा देने की मांग उठ चुकी है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, बलूचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) के सांसद कौदा बाबर, अहमद खान, नसीबुल्लाह बजाई और प्रिंस उमर ने सोमवार को नया अंतरिम प्रांत बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद एक में संशोधन का प्रस्ताव दिया.

गिलगित बाल्टिस्तान का प्रशासन पाकिस्तान की संघीय सरकार (Pakistani federal government) संचालित करती है, जिसे भारत ने अवैध कब्जा करार दिया है. भारत ने साफ तौर पर पाकिस्तान को बताया है कि गिलगित और बाल्टिस्तान समेत जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) तथा लद्दाख (Ladakh) का पूरा केंद्र शासित प्रदेश उसका अभिन्न हिस्सा है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार या उसकी न्यायपालिका का अवैध रूप से और जबरन कब्जे वाले क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है. भारत इस मामले पर लगातार अपना विरोध जता चुका है. लेकिन पाकिस्तान की सरकार की तरफ से हर बार इस तरह की हरकत की जाती रही है.

संवैधानिक विधेयक में क्या कहा गया?

वहीं, BAP के संवैधानिक विधेयक में कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग लंबे समय से समान नागरिकता के अधिकारों की मांग करते रहे हैं. विधेयक में कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा (Gilgit-Baltistan Assembly) ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया था. उसने गिलगित-बाल्तिस्तान के लिए नेशनल असेंबली में तीन सीटें और सीनेट में चार सीटों का प्रस्ताव दिया है. उसने क्षेत्र के लिए एक हाईकोर्ट का भी प्रस्ताव दिया है. ये पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी चाहता है.

इससे पहले, पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को अस्थायी प्रांतीय दर्जा देने के लिए अगस्त में एक कानून को अंतिम रूप दिया था. डॉन अखबार ने बताया था कि कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कानून के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान के सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय (SAC) को समाप्त किया जा सकता है. गिलगित-बाल्टिस्तान के चुनाव आयोग का पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) में विलय होने की संभावना भी थी. कानून मंत्रालय के सूत्रों ने अखबार को बताया था कि ’26वां संविधान संशोधन विधेयक’ शीर्षक वाले विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button