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Russia-Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में बोले UN महासचिव- हर हाल में बंद होना चाहिए रूस और यूक्रेन युद्ध

यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष सत्र एक मिनट के मौन के साथ शुरू हुआ. यूक्रेन-रूस संकट को लेकर यूएनजीए ने अपने 11वें आपातकालीन विशेष सत्र में कहा कि हम सभी पक्षों द्वारा तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हैं. संयम बरतें और बातचीत शुरू करें. साथ ही कहा कि कूटनीति और संवाद कायम रहना चाहिए. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि मानवीय सहायता महत्वपूर्ण है, ये कोई समाधान नहीं है. एकमात्र समाधान शांति के माध्यम से है. मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति को आश्वासन दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सहायता करना जारी रखेगा, उन्हें नहीं छोड़ेगा. यूक्रेन में युद्ध हर हाल में बंद होना चाहिए.

गुटेरेस ने आगे कहा कि बढ़ती हिंसा के परिणामस्वरूप नागरिकों की मौत हो रही है. बहुत हो गया, सैनिकों को बैरकों में वापस जाने की जरूरत है. नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए. रूसी परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा जाना ‘चिंतनीय घटनाक्रम’ है. परमाणु संघर्ष का विचार मात्र ही अकल्पनीय है. साथ ही कहा कि हम एक ऐसे गंभीर क्षेत्रीय संकट का सामना कर रहे हैं, जिसके हम सभी पर संभावित विनाशकारी प्रभाव होंगे.

इस हमले को रोकें- यूक्रेन प्रतिनिधि 

वहीं यूएनजीए की आपात बैठक में यूक्रेन प्रतिनिधि ने कहा कि अभी तक यूक्रेन के 16 बच्चों समेत 352 लोग मारे गए. ये संख्या लगातार बढ़ रही है, गोलाबारी जारी है. यूक्रेन के खिलाफ इस हमले को रोकें. यूक्रेन के प्रतिनिधि ने एक रूसी सैनिक के मोबाइल का स्क्रीन शॉट दिखाकर बोला कि ये बातचीत रूसी सैनिक जो मारा जा चुका है वो अपनी मां से बात कर रहा था. उसकी मां पूछ रही है कि तुम कहां हो, क्या ट्रेनिंग में हो. सैनिक बताता है कि वो यूक्रेन में बमबारी कर रहा है. ये पुतिन का कौन सा पागलपन है. अगर उसे खुदकुशी करनी है तो उसके लिए न्यूक्लियर बम की जरूरत नहीं है. वो (पुतिन) वही कर सकता है जो 1945 में बर्लिन के बंकर में हुआ था. रूस को चिढ़ाने के लिए यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि रूस कब UN का मेंबर बना. सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस के मेंबेरशिप के लिए किसने कब वोट किया, कोई हाथ उठाकर बताए.

रूस के प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन और जॉर्जिया द्वारा नाटो में शामिल होने के लिए कार्य योजनाएं बनाई जा रही थीं. उनकी (अमेरिका) नीति रूस विरोधी यूक्रेन बनाने और ये सुनिश्चित करने की थी कि वो नाटो में शामिल हो जाए. नाटो में शामिल होने वाला यूक्रेन एक रेड लाइन है, जो हमें जवाब में उपाय अपनाने के लिए मजबूर करता है और हमें इस संघर्ष के कगार पर खड़ा कर दिया है. रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि LPR और DPR के लोगों को यूक्रेन की वजह से बंकर में रहना पड़ता था. पश्चिमी देशों की उनके प्रति सहानुभूति क्यों नहीं है.

रूस ने सेल्फ डिफेंस में ये कदम उठाया है. यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने की कोशिश में थे. हमारे पश्चिमी सहयोगी बेशर्मी से उनकी मदद कर रहे हैं. साल 2014 में यूक्रेन में बर्बर सत्ता पलट करवाया गया. इस मीटिंग से ये संदेश देने की कोशिश है कि UNSC ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई. LPR और DPR के लोग जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं. रूस तो इसे खत्म करना चाहता है. रूसी संघ ने इन शत्रुताओं को शुरू नहीं किया. वो यूक्रेन के निवासियों, असंतुष्टों द्वारा फैलाए गए थे. रूस इस युद्ध को समाप्त करना चाहता है.

वहीं यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि ने कहा कि यूरोपीय संघ वित्तीय, मानवीय सहायता सहित यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा. रूस ने शांति से मुंह मोड़ लिया है. हम रूस से यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को जोखिम में डालने वाली किसी भी कार्रवाई से बचने और तनाव कम करने का आह्वान करते हैं. रूस को अपना ऑपरेशन बंद करना चाहिए और अपनी सेना को वापस बुलाना चाहिए. हम रूस से अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने का आह्वान करते हैं.

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