उत्तर प्रदेशलखनऊ

1995 में पहली और आखिरी बार लखनऊ आयी थीं लता दीदी, इस अवार्ड से किया गया था सम्मानित…

लखनऊ। भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से हर आंख नम है। इंदौर में जन्मीं लता जी के निधन से उनके प्रशंसक शोक में डूब गए। उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा लखनऊ से भी है। ये दौर 1995 का था जब 9 अप्रैल को लता मंगेशकर पहली और आखिरी बार लखनऊ पहुंची थीं, यहां उन्हें अवध रत्न से सम्मानित किया गया था। अवध रत्न सम्मान समिति के महामंत्री अतहर नवी ने इस सम्मान के लिए आमंत्रित किया ​था। लखनऊ पहुंचने के बाद वह तीन दिनों तक यहां रूककर कई गलियों को भी देखा था। वह राजभवन में बतौर राज्य अतिथि के रूप में ठहरी थीं। इस दौरान जिसे भी पता चलता था तो उनसे मिलने का प्रयास करता था। कई लोग उनसे न मिल पाने के कारण मायूस भी हुए थे।

बेगम हजरत महल पार्क में हुआ था कार्यक्रम

लता जी को राज्य अतिथि के तौर पर राजभवन में रोका गया था। उसी दिन उन्हें अवध रत्न सम्मान के लिए बेगम हजरत महल पार्क बुलाया गया तो उनके साथ गीतकार नौशाद भी गए थे। बताया जाता है कि उस दिन बेगम हजरत महल पार्क को चारो ओर से जनता ने घेर लिया था।

इस कारण मना भी किया था लखनऊ आने के लिए

9 अप्रैल 1995 को लखनऊ आने के लिए लता जी मुंबई एयरपोर्ट पहुंची तो वहां के कर्मचारी हड़ताल पर थे। इस बात की जानकारी जब लता जी को हुई तो तो उन्होने आने से मना कर दिया, इस बात की जानकारी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और राज्यपाल रहे मोतीलाल बोरा की पहल पर चार्टर प्लेन भेजा गया तब वह लखनऊ पहुंची थी।

एतिहासिक इमारतों को भी देखा

लता जी ने लखनऊ के बारे में बहुत सारी बातें कीं और यहां की ऐतिहासिक इमारतों को देखने की इच्छा जाहिर की। लखनऊ आने पर तीन दिन के प्रवास में उन्होंने आधे से ज्यादा समय पुराने लखनऊ की उन गलियों को घूमने में बिताया जहां नवाबों की यादें थीं।

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