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5 State Poll Dates 2022: चुनाव की अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने आज उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के तारीखों की घोषणा कर दी है. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना बेहद चुनौतीपूर्ण है. उन्‍होंने कहा कि हमने 6 महीने तक चुनाव कराने को लेकर काम किया है.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी पोलिंग बूथ को पूरी तरह से कोरोना से सुरक्षित रखने की कोशिश की गई है. पांचों राज्‍यों में होने वाले चुनाव के दौरान सभी पोलिंग बूथ पर मास्‍क, सैनेटाइजर और थर्मल स्‍कैनर की व्‍यवस्‍था होगी. इसके साथ ही 80 साल से ऊपर वालों के लिए पोस्‍टल बैलेट का इस्‍तेमाल किया जाएगा. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा कि 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं के साथ कोरोना संक्रमित और दिव्‍यांगों के लिए पोस्‍टल बैलेट का इस्‍तेमाल किया गया है.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने बताया कि सभी चुनाव अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होंगे. उन्हें बूस्टर डोज या दो वैक्सीन लगी होगी. इसके साथ ही सभी बूथ पूरी तरह से सैनेटाइज होंगे. उन्‍होंने कहा कि हम सभी राज्यों को मुख्य सचिवों को मतदाताओं को तेजी से वैक्सीन लगाने को कहा गया है. उन्‍होंने बताया कि यूपी में 90% जनता को सिंगल डोज लग गई है जबकि 15 करोड़ लोगों को पांचों राज्यों में सिंगल डोज और 9 करोड़ को डबल डोज लग गई है.

कोरोना के चलते पोलिंग समय एक घंटे बढ़ाया गया

कोरोना के चलते पोलिंग समय को एक घंटे के लिए बढ़ाया गया है. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने बताया कि 2 लाख 15 हजार से ज्‍यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और कोरोना के खतरे को देखते हुए हर बूथ पर सिर्फ 1250 वोटर ही होंगे.

ECI का काम समय पर चुनाव कराना

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव कराए जाने पर आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान से समय पर चुनाव कराने कि शक्ति मिली है. कोरोना के दौरान यह बहुत ही चुनौतिपूर्ण है और हमें ये देखना है कि कैसे चुनाव कराए जाएं. आयोग का कहना है कि नए दिशानिर्देश कोरोना के मद्देनजर चुनाव के लिए जारी किए जाएंगे. आयोग ने ये भी बताया कि बढ़ते ओमिक्रान मामलों के चलते स्वास्थ्य सचिव, विशेषज्ञों और सरकार के साथ कई बैठकें की गई हैं. CEC सुशील चंद्रा ने बताया कि संविधान में राज्य सरकार का कार्यकाल पांच साल का है और ये इससे ज्यादा नहीं हो सकता है. ऐसे में चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और आयोग का काम समय पर चुनाव कराना है.

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