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IND VS SA: जोहानिसबर्ग में टीम इंडिया की हार, साउथ अफ्रीका ने 1-1 से सीरीज की बराबर

सेंचुरियन में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद टीम इंडिया ने जोहानिसबर्ग में सीरीज जीतने का बड़ा मौका गंवा दिया. जोहानिसबर्ग टेस्ट में मेजबान साउथ अफ्रीका ने जबर्दस्त खेल दिखाते हुए भारतीय टीम को 7 विकेट से मात दी. साउथ अफ्रीका की इस जीत के साथ ही सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है और अब सीरीज के विजेता का फैसला तीसरे और आखिरी टेस्ट में होगा जो कि केपटाउन में खेला जाएगा. साउथ अफ्रीका की जीत में कप्तान डीन एल्गर ने बड़ा योगदान दिया. उनके अलावा रेसी वान डर डुसे ने भी बेहतरीन पारी खेली. एल्गर ने नाबाद 96 रन बनाए वहीं डुसे ने 40 रनों की पारी खेली.

चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों ने बहुत ही खराब प्रदर्शन किया. बुमराह, सिराज, शमी ने बाउंसर फेंकने के फेर में 3 चौके दिए. भारतीय टीम ने 16 रन वाइड के दिए जो कि 240 रन के लक्ष्य के हिसाब से बेहद ही खराब है. बुमराह ने गेंदबाजों की मुफीद पिच पर 70 रन लुटा दिए और वो एक भी विकेट नहीं ले सके. सिराज पूरी तरह फिट नहीं थे जिसका खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा.

चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों ने किया निराश

चौथे दिन की शुरुआत बारिश से हुई. जोहानिसबर्ग की बारिश ने पहले दो सेशन का खेल धो दिया लेकिन जब मैच शुरू हुआ तो साउथ अफ्रीका ने जबर्दस्त खेल दिखाया. डीन एल्गर चट्टान की तरह विकेट पर डटे रहे और उनके साथ रेसी वान डर डुसे ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की. दोनों ने अपनी अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की और देखते ही देखते तीसरे विकेट के लिए 82 रन जोड़ टीम इंडिया को मैच से ही बाहर कर दिया. साउथ अफ्रीकी कप्तान डीन एल्गर ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जमाया. एल्गर ने 131 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया. शमी ने डुसे को 40 के निजी स्कोर पर आउट किया लेकिन इसके बाद टेंबा बावुमा ने भी जबर्दस्त बल्लेबाजी की. एल्गन और बावुमा ने 68 रनों की अजेय साझेदारी कर साउथ अफ्रीका को जीत दिला दी.

पहली बार जोहानिसबर्ग में टेस्ट हारा भारत

जोहानिसबर्ग में हार के साथ ही पहली बार भारत ने इस मैदान पर मैच गंवाया. भारत ने इस मैदान पर 5 में से 2 मैच जीते और 3 ड्रॉ रहे थे लेकिन छठे मैच में उसे हार मिली. बता दें ये साउथ अफ्रीका की भारत के खिलाफ ऐतिहासिक जीत है. साउथ अफ्रीका ने भारत के खिलाफ सबसे बड़ा टेस्ट लक्ष्य हासिल किया है. बता दें भारत के खिलाफ महज दो ही टीमें 240 से ज्यादा का लक्ष्य हासिल कर सकी हैं. ये कारनामा साल 1977 में ऑस्ट्रेलिया औ 1987 में वेस्टइंडीज ने ही किया है.

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