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मृतकों के परिवार को 10 लाख देगी कंपनी, अब तक चार लोगों के शव बरामद, बचाव कार्य जारी

हरियाणा के भिवानी के डाडम में पहाड़ खिसकने की घटना के बाद से एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) और आर्मी की टीमों द्वारा लगातार बचाव कार्य (Rescue Operation) जारी है. बचाव कार्य के दौरान मलबा हटाकर देर रात दो बजे एक और शव बाहर निकाला गया. मृतक की पहचान पंजाब के होशियारपुर निवासी केवल सिंह के रूप में हुई. वहीं खनना कार्य कर रही कंपनी गोवर्धन माइंस ने मृतकों के परिजनों को दस दस लाख और घायल को दो लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

डाडम पहाड़ी में रेस्क्यू का कार्य जारी है. शनिवार सुबह 9 बजे पहाड़ के दरकने से गिरी बड़ी-बड़ी शिलाओं के नीचे वाहन और कार्य में लगे लोग दब गए थे. घटना के बाद सकते में आए प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कार्य शुरु किया. शनिवार को 3 शव बाहर निकाल लिए गए थे. इसके अलावा दो घायल भी घटनास्थल से रेस्क्यू किए गए थे.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

रात को भी रेस्क्यू कार्य जारी रहा. रात को करीब दो बजे एक मजदूर का शव एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला. रविवार को भी रेस्क्यू का कार्य जारी है. राजनीतिक लोग हों या आमजन हर कोई घटनास्थल पहुंचकर यही जानने की कोशिश कर रहा है कि लोग कितने नीचे दबे हो सकते हैं. लेकिन अब तक कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है.

घटना के समय खदान में मौजूद थिलोड़ निवासी अमित ने बताया कि घटना के समय खदान के अंदर ही थी. घटना करीब 9 बजकर 7 या 8 मिनट पर हुई. वो गाड़ी के पास खड़ा था. एकदम से पूरा पहाड़ सरक कर नीचे आ गया. बड़ी-बड़ी शिलाएं आ गिरी. उस समय हालात काफी डरावने थे. गाड़ी के पीछे ओट में खड़ा होकर उन्होंने अपनी जान बचाई. स्थिति होने के बाद वो बाहर निकले.

दो दिन से इंतजार कर रहा है परिवार

अमर उजाला के मुताबिक थिलोड निवासी भूपसिंह ने बताया कि उनके मामा भालौठ निवासी धर्मबीर पत्थरों के नीचे हैं. दो दिन से उनका परिवार वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है. भीषम महता ने बताया कि उनकी हाईवा गाड़ी मलबे के नीचे दबी हुई है. उन्होंने बताया कि उनके चालक को चौटें आई हैं और लाइफ लाइन हिसार में भर्ती हैं.

अब मरने वालों की संख्या 4 हो गई है. बचाव दल द्वारा लगातार छोटे पत्थरों को हटाया जा रहा है. और बडे़ पत्थरों को काटने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ पत्थर बहुत ज्यादा बड़े हैं. इनकों हटाने के लिए ब्लास्ट कर तोड़ा जाएगा. उसके बाद ही मलबा हटाया जाना संभव होगा.

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